नाबालिग को बालिग साबित करने पर दरोगा समेत तीन के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा

महोबा, 12 जनवरी (हि.स.)।उत्तर प्रदेश के महोबा में एक अनोखा सनसनीखेज मामला सामने आया है। जहां किशोरी के अपहरण के मामले में फर्जी दस्तावेज तैयार करा नाबालिग को बालिग दिखाने पर न्यायालय के आदेश पर तत्कालीन चौकी प्रभारी, विद्यालय के प्रधानाचार्य और एक अन्य के खिलाफ सदर कोतवाली में धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज की गई है।

दरअसल पूरा मामला सदर कोतवाली क्षेत्र के सुभाष चौकी क्षेत्र का है। जहां 18 अप्रैल 2024 को एक युवक किशोरी को भगा ले गया था।जिस समय उसकी बेटी की उम्र 17 वर्ष 6 माह थी। जिसके अपहरण की रिपोर्ट किशोरी की मां ने कृष्ण कुमार के खिलाफ दर्ज कराई थी।

किशोरी के पिता ने आरोप लगाया कि विवेचना के दौरान चौकी के दरोगा सुजीत जायसवाल ने एक विद्यालय के प्रधानाचार्य से मिलकर फर्जी दस्तावेज तैयार कराए और उसके फर्जी हस्ताक्षर का एक शपथ पत्र लगाकर उसकी नाबालिग बेटी को बालिग दिखा आरोपित को बचाया।

जबकि दरोगा सुजीत जायसवाल ने उनके द्वारा दिए गए बेटी के जन्म तिथि प्रमाण पत्रों को गायब कर दिया। बल्कि शपथ पत्र के आधार पर पुत्री की बदली हुई जन्म तिथि के दस्तावेज तैयार करा उसे बालिग दिखा आरोपित को लाभ पहुंचाया गया। जिसकी शिकायत कोतवाली पुलिस व उच्च अधिकारियों से करने पर कोई कार्यवाही न होने पर उसने न्यायालय का सहारा लिया।

पुलिस की हो रही किरकिरी

जिस थाने में दरोगा साहब तैनात हैं उसी थाने में दरोगा पर मुकदमा दर्ज होने से जनपद वासियों में चर्चाओं का बाजार गर्म है। दरोगा के द्वारा नाबालिग को बालिग साबित करने के मामले में तैयार कराए गए फर्जी दस्तावेजों से पूरे पुलिस महकमे की किरकिरी हो रही है। ऐसे पुलिस कर्मियों की कार्यशैली से खाकी का नाम खराब हो रहा है।

सदर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक अर्जुन सिंह ने रविवार को जानकारी देते हुए बताया कि मामले को लेकर न्यायालय के आदेश पर आरोपित एसआई सुजीत जायसवाल , शिशु शिक्षा निकेतन इंटर कॉलेज राठ रोड के प्रधानाचार्य और कृष्ण कुमार पर धारा 419 और 420 के तहत केस दर्ज किया गया है। मामले की जांच की जा रही है। जांच के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / उपेन्द्र द्विवेदी

   

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