जनवरी में जीएसटी संग्रह से सरकार के खजाने में आए 1.96 लाख करोड़ रुपये

नई दिल्ली, 01 फरवरी (हि.स.)। केंद्रीय वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में 50,65,345 करोड़ रुपये का केंद्रीय बजट पेश किया। वहीं, जनवरी, 2025 में वस्‍तु एवं सेवा कर (जीएसटी) राजस्‍व संग्रह सालाना आधार पर 12.3 फीसदी उछल कर 1.96 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इसकी तुलना में दिसंबर, 2024 में जीएसटी राजस्‍व संग्रह 1.76 लाख करोड़ रुपये रहा था।

जीएसटी महानिदेशालय ने शनिवार को जारी आंकड़ों में बताया कि सरकार के खजाने में केंद्रीय बजट पेश होने के बाद जनवरी में जीएसटी राजस्‍व संग्रह के जरिए 1.96 लाख करोड़ रुपये आए हैं। इसमें घरेलू स्तर पर वस्तुओं और सेवाओं की बिक्री से प्राप्त राजस्व में 10.4 फीसदी की वृद्धि के साथ 1.47 लाख करोड़ रुपये और आयातित वस्तुओं से प्राप्त कर राजस्व में 19.8 फीसदी की वृद्धि के साथ 48,382 करोड़ रुपये शामिल हैं।

आंकड़ों के मुताबिक जनवरी में कुल सकल जीएसटी राजस्व 1,95,506 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की तुलना में 12.3 फीसदी अधिक है। इसमें केंद्रीय जीएसटी संग्रह (सीजीएसटी) 36,100 करोड़ रुपये रहा, जबकि राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) 44,900 करोड़ रुपये रहा। इसके अलावा एकीकृत जीएसटी संग्रह आईजीएसटी 1.01 लाख करोड़ रुपये रहा। इसके अलावा जीएसटी उपकर संग्रह 13,400 करोड़ रुपये रहा है।

जीएसटी महानिदेशालय के मुताबिक जनवरी के दौरान 23,853 करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया गया है, जो 24 फीसदी की वृद्धि है। रिफंड को समायोजित करने के बाद कुल शुद्ध जीएसटी राजस्व 1.72 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो पिछले साल की तुलना में 10.9 फीसदी अधिक है। मौजूदा वित्त वर्ष 2024-25 में जीएसटी राजस्‍व संग्रह ने 5वीं बार 1.80 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार किया है। इससे पहले अप्रैल में यह आंकड़ा 2 लाख करोड़ रुपये पार कर गया था। वहीं जुलाई, अक्टूबर, नवंबर में जीएसटी राजस्‍व संग्रह 1.80 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा देखने को मिला था।

उल्‍लेखनीय है कि अब तक सर्वाधिक जीएसटी राजस्‍व संग्रह अप्रैल 2024 में 2.10 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है। वित्‍त मंत्री ने आज पेश केंद्रीय बजट 2025-26 में जीएसटी राजस्व संग्रह 11 फीसदी बढ़कर 11.78 लाख करोड़ रुपये (केंद्रीय जीएसटी और मुआवजा उपकर सहित) होने का अनुमान जताया है।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर

   

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