गौ को राष्ट्रीय माता का दर्जा दिए जाने की मांग : गोपाल मणि

ऋषिकेश, 24 दिसंबर (हि.स.)। विख्यात कथा वाचक गोपाल मणि ने गाय को राष्ट्रीय पशु के बजाय राष्ट्रीय माता का दर्जा देने की मांग की है। मंगलवार को त्रिवेणी घाट पर आयोजित एक कथा कार्यक्रम में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में गाय को पशु नहीं, बल्कि माता के रूप में पूजनीय माना गया है। उन्होंने इसे भारतीय संस्कृति और आस्था का प्रतीक बताते हुए संविधान में गाय को राज्य सूची से हटाकर केंद्रीय सूची में शामिल करने की आवश्यकता पर बल दिया।गोपाल मणि ने कहा कि गौहत्या मुक्त भारत बनाने और गाय को राष्ट्रमाता का सम्मान दिलाने के लिए पूरे देश में गौ प्रतिष्ठा आंदोलन चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि स्वतंत्रता से पहले और बाद में भी गौमाता की रक्षा के लिए प्रयास होते रहे हैं। 1966 में यति चक्रचूडा मणि करपात्री महाराज के नेतृत्व में गौ आंदोलन के दौरान हजारों गौभक्तों ने बलिदान दिया था।उन्होंने कहा कि उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर महाराष्ट्र भी गाय को माता का दर्जा देने वाला तीसरा राज्य बन गया है। गोपाल मणि ने इस पवित्र उद्देश्य के लिए देश भर में अभियान चलाने की घोषणा की।आगामी 14 मार्च से 28 मार्च 2024 तक गोपाल मणि महाराज गोवर्धन से दिल्ली तक नंगे पैर पदयात्रा करेंगे। उन्होंने बताया कि इस अभियान में चारों पीठों के शंकराचार्यों का आशीर्वाद प्राप्त है। गौ प्रतिष्ठा को बढ़ावा देने के लिए गौ घृत की ज्योति प्रज्वलित कर इसे गौ संवत्सर घोषित किया गया है।पत्रकार वार्ता के दौरान आचार्य सीता शरण, चंदना साधुका, आचार्य राकेश सेमवाल आदि उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार / विक्रम सिंह

   

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