भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने मनाया अपना 175 वां स्थापना दिवस, वॉकथॉन का हुआ आयोजन
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- Mar 02, 2025
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रायपुर 2 मार्च (हि.स.)। सन् 1851 में स्थापित भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने आज रविवार 2 मार्च को रायपुर में अपने राज्य इकाई कार्यालय में भव्य कार्यक्रमों के साथ अपना 175 वां स्थापना दिवस मनाया। भारत के सबसे पुराने वैज्ञानिक संगठनों में से एक, जीएसआई ने भूवैज्ञानिक अनुसंधान, खनिज अन्वेषण और आपदा अध्ययन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अपने प्रतिष्ठित इतिहास में, जीएसआई ने कोयला, लौह अयस्क और तांबे जैसे महत्वपूर्ण खनिज संसाधनों की खोज करके भारत के औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
छत्तीसगढ़, एक खनिज समृद्ध राज्य, टिन अयस्क, बॉक्साइट, लौह अयस्क, कोयला और अन्य खनिजों के महत्वपूर्ण भंडार प्रदान करने के साथ देश की खनिज आपूर्ति को सुरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। छत्तीसगढ़ में जीएसआई की राज्य इकाई ने भारत के प्रथम लिथियम ब्लॉक सहित कई उच्च मूल्य वाले खनिज ब्लॉकों की नीलामी की सुविधा प्रदान की है। ये अभूतपूर्व खोज औद्योगिक विस्तार और तकनीकी उन्नति की नींव रख रही है।
समारोह का उद्घाटन उप महानिदेशक, अमित धारवाडकर ने आज 2 मार्च को सुरक्षित विश्व के लिए भूविज्ञान के विषय पर एक वॉकथॉन के साथ किया जिसका उद्देश्य वैश्विक स्थिरता में भूविज्ञान के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना था। यह आयोजन मेसर्स अष्टधातु फेरो मेटल्स प्रा. लिमिटेड, जियोसोल्यूशन प्रा. लिमिटेड, यूनाइटेड एक्सप्लोरेशन प्रा. लिमिटेड, छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक एवं सिद्धार्थ जियो कंसल्टेंट्स इंडिया लिमिटेड द्वारा सह-प्रायोजित था। जीएसआई कार्यालय परिसर में शुरू हुए 3 किमी की पैदल यात्रा में लगभग 100 प्रतिभागी शामिल हुए। इस कार्यक्रम में जीएसआई कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों, सेवानिवृत्त जीएसआई कर्मचारी, आसपास के संस्थानों के खातकोत्तर भूविज्ञान के छात्रों और स्थानीय लोग शामिल हुए। इस आयोजन में सामुदायिक सहभागिता और भूविज्ञान के बारे में लोगों को जागरूक करने पर जोर दिया गया।
स्थापना दिवस उत्सव का समापन 4 मार्च को जीएसआई कार्यालय में एक सार्वजनिक प्रदर्शनी के साथ होगा जिसमें संगठन की क्षमताओं और भूवैज्ञानिक मानचित्रण और खनिज अन्वेषण में उल्लेखनीय योगदान का प्रदर्शन किया जाएगा। यह सार्वजनिक प्रदर्शनी सुबह 10 बजे से शाम 6.00 बजे तक सभी के लिए खुला रहेगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / गेवेन्द्र प्रसाद पटेल