बाल दिवस : बच्चों की चित्रकला प्रदर्शनी में दिखी रचनात्मकता व प्रतिभा की झलक 

दून पुस्तकालय में बच्चों की चित्रकला प्रदर्शनी की झलक।

- दून पुस्तकालय में प्रतिभा और क्षमता के लिए बच्चों ने बाल दिवस को बनाया यादगार दिन

- कला के प्रति समुदाय की भावना और प्रशंसा को मिलेगा बढ़ावा, बाल प्रतिभा भी होगा उजागर

देहरादून, 14 नवंबर (हि.स.)। बाल दिवस पर दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र सभागार में गुरुवार को आयोजित बच्चों की चित्रकला प्रदर्शनी में बाल मन की रचनात्मकता व प्रतिभा की झलक दिखी। बच्चों ने कला प्रदर्शनी के जरिए बाल दिवस को प्रतिभा और क्षमता के लिए यादगार दिन बनाया। तीन दिवसीय प्रदर्शनी का शुभारंभ कुसुम कोहली और प्रतिभाशाली छात्राओं ने किया।

बाल दिवस के अवसर पर आयोजित प्रदर्शनी में प्रदेशभर के बच्चों व किशोर वर्ग के बच्चाें की अविश्वसनीय कलात्मक प्रतिभाओं को प्रदर्शित किया गया है। यह प्रदर्शनी 17 नवंबर तक चलेगी। इसके माध्यम से बच्चों को अपनी रचनात्मक पेंटिंग में अपने दृष्टिकोण को साझा करने के लिए एक मंच मिलेगा। दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र बाल अनुभाग की मेघा ने बताया कि इस प्रदर्शनी का उद्देश्य न केवल बाल प्रतिभाओं को उजागर करना है, बल्कि उपस्थित लोगों के बीच कला के प्रति समुदाय की भावना और प्रशंसा को भी बढ़ावा देना है। यह प्रदर्शनी नवोदित कलाकारों की उल्लेखनीय क्षमता भी उजागर करेगी।

दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के सलाहकार प्रो. बीके जोशी ने मौलिक विचार से उपजे कलात्मक चित्रों की खूब प्रसंशा की। अपनी लगन के लिए जानी जाने वाली कुसुम कोहली ने बच्चों की चित्रकारी पर प्रकाश डाला और कहा कि किस तरह वे बाल कलाकारों के लिए मार्गदर्शक रहीं और किस तरह उन्होंने वंचित बच्चों के उत्थान पर उनकी रचनात्मकता और कौशल का पोषण किया है।

प्रदर्शनी में बच्चों ने विभिन्न प्रकार की कलात्मक अभिव्यक्तियां प्रदर्शित की। यह कार्यक्रम बच्चों की प्रतिभा और क्षमता के लिए एक यादगार दिन बन गया। कार्यक्रम में शैलेंद्र नौटियाल, कुलभूषण, वीणा जोशी, बिजू नेगी, अनिल बहुगुणा, चंद्रशेखर तिवारी, कर्नल एसएस रौतेला, जय भगवान गोयल, जस्टिना, जरीना बाथ सहित दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र की टीम के सदस्य आदि उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार / कमलेश्वर शरण

   

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