सख्ती से पेसा, सीएनटी और एसपीटी एक्ट लागू करे सरकार : देवकुमार धान
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- May 06, 2025

रांची, 06 मई (हि.स.)। आदिवासी समन्वय समिति झारखंड के संयोजक देवकुमार धान ने कहा कि पेसा कानून को बने हुए 28 वर्ष हो गए। झारखंड बने हुए 25 साल गुजरने को है लेकिन अभी तक झारखंड में पेसा कानून की नियामवाली बनाकर लागू नहीं किया गया है। ऐसे में सरकार से आग्रह है कि पेसा, सीएनटी और एसपीटी एक्ट को सख्ती से लागू करे।
झारखंड बनने के बाद 19 साल तक आदिवासी मुख्यमंत्री रहे हैं, जिसमें नौ साल भाजपा के नेतृत्व में आदिवासी मुख्यमंत्री रहा और 10 साल झामुमो और कांग्रेस के नेतृत्व में आदिवासी मुख्यमंत्री रहे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में झामुमो और कांग्रेस की गठबंधन की सरकार है, लेकिन अब तक पेसा नियमावली बनाकर ग्राम सभा को अधिकार नहीं दिया गया है। धान मंगलवार को रांची प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता में बोल रहे थे।
इस मौके पर उन्होंंने कहा कि सीएनटी और एसपीटी एक्ट संविधान का ही भाग है और इसे संविधान की अनुसूची में रखा गया है, लेकिन सीएनटी एक्ट और एसपीटी एक्ट के रहते हुए भी आदिवासियों की जमीन धड़ल्ले से लूटी जा रही है। सीएनटी एक्ट और एसपीटी एक्ट आदिवासियों के जमीन को बचाने के लिए बनाई गई थी, लेकिन आज आदिवासियों के जमीन को बेतहाशा लूटा जा रहा है। राज्य सरकार पेसा, सीएनटी और एसपीटी एक्ट को कड़ाई से लागू नहीं कर रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार आदिवासियों को ठगने का काम छोड़ सीएनटी एक और एसपीटी एक्ट को कड़ाई से लागू करें और गलत ढंग से आदिवासियों की हड़प गई जमीन को आदिवासियों को लौटाए। साथ ही पेसा कानून की नियमावली बनाकर ग्राम सभा को अधिकार दिलाए। धान ने कहा कि लैंड बैंक भाजपा की सरकार ने बनाई थी, लेकिन मौजूदा राज्य सरकार लैंड बैंक को अब तक क्योंं नहीं रदद कर रही है। चुनाव के समय झामुमो एवं कांग्रेस इसे हटाने की बात कही थी। गांव की सामुदायिक जमीन को पूंजीपतियों के हाथों में दिया जा रहा है। गांव की सामुदायिक जमीन का फर्जी रेट फिक्श कर जमाबंदी की जा रही है। इससे आने वाले समय में बहुत से गांवों की सामुदायिक जमीन पर बाहरी लोगों का कब्जा हो जाएगा। फर्जी तरीके से राजस्व अधिकारी गांव की सामुदायिक जमीन को हस्तांतरित कर रहे हैं। इसकी जांच होनी चाहिए और इन सभी फर्जी जमाबंदी को रद्द किया जाना चाहिए। उन्हों्ने ऐसे काम करने के दोषी अधिकारियों को बर्खास्त करने की मांग की।
इस अवसर पर सिकन्दर हेंब्रम, फुलचन्द तिर्की, संजय तिर्की, बलकु उरांव, नारायण उरांव, लक्ष्मी टुडू, मेघलाल सोरेन, परनु उरांव सहित अन्य मौजूद थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / विकाश कुमार पांडे