मत्स्य विकास कॉन्क्लेव के समापन सत्र में शामिल हुए राज्यपाल

मत्स्य क्षेत्र के विकास पर आयोजित कॉन्क्लेव के समापन सत्र में शामिल राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य की तस्वीर।

गुवाहाटी, 6 मई (हि.स.)। असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने असम प्रशासनिक स्टाफ कॉलेज, गुवाहाटी में आयोजित 'मत्स्य क्षेत्र के विकास, 2025' पर दो दिवसीय कॉन्क्लेव के समापन सत्र में मंगलवार को भाग लिया। इस कॉन्क्लेव का आयोजन राजभवन, असम ने मत्स्य विभाग, असम सरकार के सहयोग से किया था।

राज्यपाल आचार्य ने अपने संबोधन में असम की मत्स्य संपदा की संभावनाओं को उजागर करते हुए इस कॉन्क्लेव को समयोचित और क्षेत्र के सतत एवं संगठित विकास हेतु महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि बीते दो दिनों में हुई चर्चाओं से राज्य में मत्स्य पालन के क्षेत्र में आ रही चुनौतियों की पहचान और समाधान के लिए ठोस सुझाव मिले हैं।

उन्होंने कहा, “कॉन्क्लेव में हुई चर्चाएं और जो ठोस निर्णय निकले हैं, वे योजनाबद्ध, समन्वित और समयबद्ध तरीके से कार्यान्वयन में अत्यंत सहायक होंगे।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इन सिफारिशों के सफल क्रियान्वयन से असम मत्स्य उत्पादन में आत्मनिर्भर बन सकता है और निर्यात के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बन सकता है।

राज्यपाल ने मत्स्य क्षेत्र को पारंपरिक पेशे से उन्नत वैज्ञानिक और उद्यमशील व्यवसाय में बदलने की आवश्यकता बताई। उन्होंने युवाओं को ऋण, आधुनिक तकनीक, प्रशिक्षण और मज़बूत बाज़ार नेटवर्क की सुविधा प्रदान करने की आवश्यकता पर बल दिया।

कॉन्क्लेव में भाग लेने वाले विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों का आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने डॉ. जॉयकृष्ण जेना (उप महानिदेशक, मत्स्य विज्ञान, आईसीएआर), सीआईएफआरआई, सीआईएफए, और नाबार्ड जैसे संस्थानों के निदेशकों एवं वैज्ञानिकों की सराहना की। राज्यपाल ने कहा, “कॉन्क्लेव में साझा किए गए सुझाव न केवल असम के लिए, बल्कि देशभर में मत्स्य क्षेत्र के समग्र विकास के लिए उपयोगी सिद्ध होंगे।”

राज्यपाल को डॉ. जेना द्वारा कॉन्क्लेव की अंतिम रिपोर्ट सौंपी गई, जिसमें चर्चा के मुख्य निष्कर्ष और भावी रणनीतियां सम्मिलित हैं। राज्यपाल ने बताया कि यह रिपोर्ट नीतिगत निर्णयों और सुधारों के लिए मार्गदर्शक दस्तावेज के रूप में कार्य करेगी।

मत्स्य मंत्री कृष्णेंदु पॉल ने अपने संबोधन में जल संसाधन प्रबंधन, मत्स्य बीज उत्पादन, विपणन और प्रशासनिक सुधारों जैसे विषयों पर हुई चर्चाओं को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने अंतिम रिपोर्ट को 'ब्लू रेवोल्यूशन' की दिशा में एक दृष्टिपूर्ण रोडमैप बताया, जो किसानों की आय दोगुनी करने और असम को मत्स्य एवं मत्स्य बीज निर्यात का प्रमुख केंद्र बनाने में सहायक सिद्ध होगा।

कॉन्क्लेव में मत्स्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव कैलाश चंद्र चमरिया, राजभवन के ओएसडी प्रो. बेचन लाल, राज्यपाल के सचिव एसएस मीनाक्षी सुंदरम, वरिष्ठ वैज्ञानिक, विद्वान एवं मत्स्य विभाग और राजभवन के अधिकारी उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश

   

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