हिसार : दयानंद कॉलेज में डॉ. बीआर आंबेडकर जयंती के उपलक्ष्य में विशेष संगोष्ठी का आयोजन
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- Apr 09, 2025

हिसार, 9 अप्रैल (हि.स.)। दयानंद कॉलेज के इतिहास, राजनीतिक शास्त्र विभाग
तथा राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के संयुक्त तत्वाधान में डॉ. बीआर आंबेडकर जयंती के
उपलक्ष में विशेष संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी के प्रारंभ में डॉ. आंबेडकर
के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए उनके चित्र पर पुष्पांजलि की गई। कॉलेज की कार्यवाहक प्राचार्या डाॅ. मोनिका
कक्कड़ ने बुधवार काे हुए इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रोफेसर एसके चहल, अधिष्ठाता सामाजिक विज्ञान संकाय एवं अध्यक्ष
इतिहास विभाग, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय का स्वागत किया। कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत
करते हुए डॉ. अंबेडकर के प्रति नमन किया गया।
मुख्य वक्ता प्रोफेसर एसके चहल ने अपने
उद्बोधन में डॉक्टर आंबेडकर के जीवन दर्शन व संघर्ष के बारे में विस्तार से बताया।
उन्होंने स्वतंत्रता के पश्चात संविधान निर्माण के साथ-साथ उनकी भारत में कल्याणकारी
राज्य धारणा को भी इंगित किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि संविधान में वर्णित मौलिक अधिकारों,
महिला सशक्तिकरण, मजदूरों की कल्याण की योजनाएं तथा वंचित वर्गों के हितों के संरक्षण
के लिए जो प्रावधान उन्होंने किया उनके दम पर वर्तमान भारत का निर्माण हुआ है।
इतिहास विभाग के अध्यक्ष डॉ. महेंद्र सिंह ने भी डाॅ. आंबेडकर के कार्यों व
उपलब्धियों को सांझा किया। राजनीतिक शास्त्र की प्रभारी डॉ. शम्मी नागपाल ने भी इस
अवसर पर अपने विचार रखे। राष्ट्रीय सेवा योजना के तीनों कार्यक्रम अधिकारी डॉ. इंद्रजीत
सिंह, चेतन शर्मा व डॉ. छवि मंगला ने इस कार्यक्रम के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका
निभाई। राजनीति शास्त्र विभाग से डॉ. रमेश पूनिया व दीपक तथा इतिहास विभाग के संदीप
कुमार की भूमिका भी आयोजन में उल्लेखनीय रही। इतिहास विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.
सुरुचि शर्मा ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।
इस कार्यक्रम में इसी संदर्भ के विद्यार्थियों
के लिए संवाद के लिए समय दिया गया। विशेषज्ञों द्वारा उनके सवालों का जवाब देकर उनकी
जिज्ञासा शांत की। इस अवसर पर कॉलेज के शिक्षक व गैर-शिक्षक स्टाफ के सदस्यों के अलावा
काफी संख्या मे विद्यार्थी उपस्थित रहे। मंच का संचालन बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा
कुमारी लक्ष्या ने किया। विद्यार्थियों की ओर से कुमार आशीष व कुमारी दीक्षा ने भी
अपने विचार रखे।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर