गुरू गोविंद सिंह की जयंती उत्साह से मनी,अधिवक्ताओं ने जलाएं दीप

वाराणसी,06 जनवरी (हि.स.)। सिख पंथ के दसवें गुरू गोविंद सिंह का 358वां प्रकाशोत्सव सोमवार को उल्लासपूर्ण माहौल में मनाया गया। गुरूद्वारा गुरूबाग, नीचीबीग में रागी जत्था ने शबद कीर्तन किया। प्रकाश पर्व पर गुरूद्वारा में छात्राओं ने शबद कीर्तन किया। रागी भाई शुभदीप सिंह ने कीर्तन से संगत को निहाल कर दिया। गुरूबाग में अपरान्ह बाद गुरू का अटूट लंगर चलाया गया।

इसी तरह नीचीबाग गुरूदयारा में शहाना स्वागत के बाद नाम सिमरन, कीर्तन आशा दी वार,अखंड पाठ साहिब के बाद अरदास हुआ। शाम को दीवान का कार्यक्रम के साथ लंगर भी चलाया गया। जिसमें सिख समाज के लोगों ने भागीदारी की। उधर,गुरू गोविन्द सिंह की जयंती अधिवक्ताओं ने कचहरी में शाम को मनाई। अधिवक्ताओं ने गुरू गोविंद सिंह के चित्र पर पुष्प अर्पित कर दीप जलाए। स्वामी विवेकानन्द प्रवास स्थल संरक्षण समिति के अधिवक्ता विनोद पांडेय 'भैयाजी' ने गुरु गोविंद सिंह के चित्र की आरती उतारी। इसके बाद सभी ने उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस दौरान गुरू गोविंद सिंह अमर रहे,बोले से सो निहाल सत श्री अकाल,जब तक सूरज चांद रहेगा गुरू गोविंद सिंह का नाम रहेगा,भारत माता की जय का नारा भी गूंजता रहा। कार्यक्रम में बनारस बार के पूर्व अध्यक्ष राजेश मिश्रा, पूर्व महामंत्री नित्यानन्द राय ,सेट्रल बार के नवनिर्वाचित उपाध्यक्ष दीपक राय कान्हा, कोषाध्यक्ष सुधा सिंह, राजेश तिवारी, शैलेन्द्र चौबे ,संजीवन यादव, कुंवर प्रीतम आदि ने भागीदारी की।

अप्रतिम शौर्य , सर्वस्व त्याग, मानवता की रक्षा के प्रेरणास्रोत थे गुरु गोविन्द सिंह

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्वयालय के कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा ने गुरु गोविंद सिंह को जयंती पर स्मरण किया। उन्होंने कहा कि गुरु गोविंद सिंह के जीवन और उपदेशों को यदि आत्मसात किया जाय तो निश्चित ही जीवन के मूल उद्देश्य की पूर्ति होगी। गुरु गोविंद सिंह का जीवन और उपदेश हमें सिखाते हैं कि जीवन में संघर्ष और चुनौतियों का सामना करने के लिए हमें मजबूत और साहसी बनना चाहिए। कुलपति प्रो. शर्मा ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह ने सिख धर्म को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए। उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की, जो सिख धर्म का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने सिखों को एकजुट करने के लिए कई प्रयास किए और उन्हें सिख धर्म के सिद्धांतों के बारे में शिक्षित किया। गुरु गोविंद सिंह के उपदेशों को याद करते हुए कहा कि गुरु गोविंद सिंह ने कहा था, 'चिड़ियों को चुगने दो, परंतु अपने लक्ष्य से कभी नहीं हटो। यह उपदेश हमें जीवन में संघर्ष और चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रेरित करता है।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी

   

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