गुरुग्राम: अरावली की श्रृंखलाओं में नवकल्प की प्रकृति संवाद यात्रा से मिली सीख
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- May 12, 2025

-प्रकृति संवाद यात्रा में लगभग 7 किलोमीटर की पहाड़ी पदयात्रा रही अहम
गुरुग्राम, 12 मई (हि.स.)। नवकल्प फाउंडेशन द्वारा आयोजित प्रकृति संवाद यात्रा प्रकृति और जीवन के गहरे संबंध को दर्शाने वाली एक उत्कृष्ट पहल साबित हुई। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में गुरुग्राम के राव रामसिंह स्कूल के विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिससे उन्हें अरावली की मनोरम पहाडिय़ों के बीच प्रकृति के महत्व को प्रत्यक्ष रूप से समझने का अवसर मिला।
फाउंडेशन के महासचिव डॉ. सुनील आर्य के नेतृत्व में सुबह की शांत बेला में शुरू हुई इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य युवा पीढ़ी को प्रकृति, धरती, पहाड़, जंगल, पर्यावरण वन्य जीवन संरक्षण के प्रति जागरुक और संवेदनशील बनाना था। विद्यार्थियों ने प्रकृति की गोद में पहुंचकर धरती, पर्यावरण, जंगल, पहाड़ और वन्यजीवों की अनमोल ध्वनियों को महसूस किया। भोंडसी गांव में उन्हें बाबा आदेश तिवारी के प्रेरणादायक शब्दों से स्वस्थ जीवनशैली का महत्व भी ज्ञात हुआ-खूब खाओ, खूब पढ़ो पर मेहनत भी खूब करो। विद्यार्थियों का उत्साह देखते ही बनता था, जिन्होंने अपनी प्रसन्नता और देशभक्ति की भावना को सहज रूप से व्यक्त किया। डॉ. सुनील आर्य ने उन्हें अरावली की पहाडिय़ों और जंगलों की महत्ता से अवगत कराया और इसकी स्वच्छता व संरक्षण को सामूहिक जिम्मेदारी बताया। उन्होंने कुछ स्थानों पर प्लास्टिक कचरा देखकर चिंता जताई, लेकिन राव रामसिंह स्कूल के छात्रों द्वारा दिखाई गई जिम्मेदारी और सफाई प्रयासों की सराहना की।
पहाड़ी पथ पर शिक्षा और सहभागिता
इस प्रकृति संवाद यात्रा में लगभग 7 किलोमीटर की पहाड़ी पदयात्रा भी शामिल थी, जिसमें सभी ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। पक्षियों का मधुर कलरव, मोरों की मनमोहक आवाज और बच्चों की ऊर्जा ने इस अनुभव को अविस्मरणीय बना दिया। मां भुवनेश्वरी के दर्शन और मंदिर की गौशाला के शुद्ध छाछ के प्रसाद ने सभी को शांति और संतुष्टि प्रदान की। यात्रा के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जी का उजड़ा हुआ भारत यात्रा केंद्र भी देखा गया, जो इतिहास और प्रकृति के अनूठे संगम का प्रतीक था।
इस अवसर पर राव रामसिंह स्कूल के निदेशक जगदीश यादव ने कहा कि नवकल्प फाउंडेशन की यह पहल अत्यंत सराहनीय है। हमारे छात्रों को प्रकृति के करीब लाने और उन्हें पर्यावरण संरक्षण का महत्व समझाने का यह एक बेहतरीन तरीका है।
हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर