जम्मू के कुपवाड़ा की नाहिदा की हस्तकला गुरुग्राम में कर रही आकर्षित

-सफल महिला उद्यमियों की कहानी पेश कर रहा है सरस मेला

गुरुग्राम, 18 अक्टूबर (हि.स.)। यहां सेक्टर-29 स्थित लेजर वैली में तीसरी बार आयोजित किए गए सरस मेले में विभिन्न राज्यों से आईं लखपति दीदियों की शिल्प कला हर किसी को भा रही है। अपनी कला से सफलता की सीढिय़ां चढ़ीं महिलाएं हर किसी के लिए रोल मॉडल बनी हुई हैं। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन को गति प्रदान करने के लिए मिलेनियम सिटी में लगातार तीसरी बार सरस मेले का भव्य आयोजन किया है।

इस मेले में पंजाब, हरियाणा, गोआ, महाराष्ट्र, ओडिसा, जम्मू-कश्मीर, मिजोरम, असम, सिक्किम, बिहार, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान आदि राज्यों से आई 900 महिलाओं ने फूड कोर्ट सहित 473 स्टाल स्थापित किए हुए हैं। जो कि अपने उत्पादों से दर्शकों का ध्यान सहज भाव से आकर्षित कर रहे हैं। अब तक एक लाख से अधिक दर्शक मेले का अवलोकन कर चुके हैं।

कश्मीर के कुपवाड़ा जिला के गांव वडीपुरा से आई नाहिदा स्नातक तक शिक्षा प्राप्त है।चार वर्षों से फातिमा नाम से स्वयं सहायता समूह का सफलतापूर्वक संचालन कर रही है। वह मलमल व ऊनी कपड़ों पर कढ़ाई व काशीदकरी कर सुंदर-सुंदर पर्स, बैग, हैंडबैग, स्टॉल, शाल, टेबल रनर आदि तैयार करती हैं। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत समय-समय पर उनको अपने काम में कुशलता लाने के लिए प्रशिक्षण दिलवाया जाता है। आज वह आत्मनिर्भर बनकर खुश है। नाहिदा गांव के समीप कस्बा हंदवारा में अपनी दुकान चलाती हैं। सरस मेले में बुजुर्गों के घूमने के लिए गोल्फ कार्ट की सुविधा दी गई है। यहां लोग सपरिवार आकर मेले का आनंद उठा रहे हैं।

काष्ठ कला के खूबसूरत नमूने पेश कर रही बिजनौर के जोगीरमपुरी गांव से आई शहनाज ने बताया कि यह उनका पुश्तैनी कारोबार है। दस साल पहले अपने परिवार की 12 महिलाओं के साथ मिलकर उसने हौसला नाम से स्वयं सहायता समूह बनाया था। जिसके लिए उन्हें बैंक से 1.5 लाख रूपए का लोन मिला। आज उनके पास सात मशीनें हैं और उनका समूह साल में लगभग दस लाख रूपए का कारोबार कर रहा है। उन्होंने बताया कि कलाकृतियां बनाने के लिए वह आम व शीशम की लकड़ी का इस्तेमाल करती हैं, जो कि बिजनौर में आसानी से मिल जाती है।

हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर हरियाणा

   

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