हिमाचल प्रदेश ने मानसून में हुए नुकसान के लिए केंद्र से मांगी उदार सहायता

शिमला, 26 अक्टूबर (हि.स.)। अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार चंद शर्मा ने आज यहां अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय दल (आईएमसीटी) के साथ एक डीब्रीफिंग बैठक की। यह दल मानसून के दौरान प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए तीन दिवसीय दौरे पर आया था।

ओंकार चंद शर्मा ने जानकारी दी कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान पर एक व्यापक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें अनुमानित नुकसान 1,613.50 करोड़ रुपये का बताया गया है। उन्होंने कहा कि मानसून के दौरान प्रदेश ने भूस्खलन, बादल फटने और बाढ़ जैसी घटनाओं का सामना किया, जिससे सड़कें, सिंचाई योजनाएं और आवासीय क्षेत्र व्यापक रूप से प्रभावित हुए।

उन्होंने बताया कि इन घटनाओं में 174 लोगों की जान गई, जबकि 144 लोग बारिश के कारण मारे गए। इसके अलावा, लगभग 206 लोग घायल हुए, 31 लापता हैं और 222 पशुधन हताहत हुए। इस दौरान 1405 घरों और पशु आश्रयों को भी नुकसान पहुंचा। राज्य सरकार ने क्षतिग्रस्त सड़कों और पुलों की बहाली के लिए 621.77 करोड़ रुपये का आवंटन किया है।

ओंकार शर्मा ने कहा कि जल आपूर्ति बुनियादी ढांचे को भी नुकसान हुआ है। 5505 जल आपूर्ति योजनाएं, 1213 सिंचाई परियोजनाएं, 99 मल निकासी परियोजनाएं, 69 बाढ़ सुरक्षा कार्य और 57 हैंडपंप क्षतिग्रस्त हुए, जिससे प्रदेश को 540.88 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार आपदा तैयारियों को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है और भविष्य में संभावित आपदाओं से निपटने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बलों और स्थानीय समुदायों के साथ समन्वय स्थापित कर रही है। उन्होंने केंद्र सरकार से अतिरिक्त संसाधनों की आवश्यकता पर बल दिया, खासकर हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्यों के लिए।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील शुक्ला

   

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