हिमाचल विश्वविद्यालय में शिक्षकों का प्रदर्शन, आंदोलन की चेतावनी

शिमला, 4 अप्रैल (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिक्षक कल्याण संघ (हपुटवा) के आह्वान पर शुक्रवार को कुलपति कार्यालय के बाहर शिक्षकों ने धरना प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन प्रदेश सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन की शिक्षक विरोधी नीतियों और उदासीन कार्यप्रणाली के विरोध में किया गया। धरने में विश्वविद्यालय के सैकड़ों शिक्षकों ने भाग लेकर अपनी एकजुटता दिखाई।

धरने को संबोधित करते हुए प्रो. संजय शर्मा ने कहा कि यह कैसा व्यवस्था परिवर्तन है जिसमें कर्मचारी वर्ग को सड़कों पर उतरना पड़ रहा है। सरकार की नीतियाँ कर्मचारियों के प्रति प्रताड़नात्मक बनती जा रही हैं। वहीं डॉ. राजेश ने सरकार पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि एक तरफ शिक्षकों की पदोन्नतियां आर्थिक तंगी के बहाने टाली जा रही हैं, दूसरी तरफ विधायकों की तनख्वाहों में बढ़ोतरी के लिए तुरंत विधेयक पास हो जाते हैं। यह स्पष्ट रूप से अन्याय है।

डॉ. जोगिंदर सकलानी ने सातवें वेतन आयोग के तहत लंबित एरियर और 11% डीए के भुगतान की मांग करते हुए सरकार को चेताया कि यदि जल्द निर्णय नहीं हुआ तो आंदोलन और उग्र होगा।

हपुटवा अध्यक्ष डॉ. नितिन व्यास ने विश्वविद्यालय में शिक्षकों के लिए प्रस्तावित आवासीय भवनों का मामला उठाते हुए कहा कि यूजीसी की 'मेरु' योजना के अंतर्गत 100 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध होने के बावजूद निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है।

महासचिव डॉ. अंकुश भारद्वाज ने विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली को राजनीति से ग्रस्त बताया और कहा कि यह शर्मनाक है कि एक शिक्षक को अपनी पदोन्नति के लिए भी सड़कों पर आना पड़ रहा है।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील शुक्ला

   

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