गुजरातः छोटा उदेपुर के ‘हाफेश्वर’ गांव को मिला हेरिटेज श्रेणी में ‘सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम’ का पुरस्कार

छोटा उदयपुर जिले का हाफेश्वर गांवहाफेश्वर गांव का नया विकास मॉडल।

• नर्मदा तट पर स्थित हाफेश्वर को 10 करोड़ के खर्च से पर्यटनस्थल के रूप में विकसित करने का कार्य प्रगति पर

• स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को देखने आने वाले सालाना लगभग एक लाख पर्यटक आते हैं हाफेश्वर

अहमदाबाद, 27 सितंबर (हि.स.)। केंद्र सरकार के पर्यटन मंत्रालय की ओर से आज विश्व पर्यटन दिवस पर सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम प्रतियोगिता 2024 के अंतर्गत गुजरात के छोटा उदेपुर जिले की कवांट तहसील के ‘हाफेश्वर’ गांव को हेरिटेज श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव का पुरस्कार प्राप्त हुआ है। हाफेश्वर वही स्थान है, जहां से नर्मदा नदी गुजरात में प्रवेश करती है।

पर्यटन मंत्री मुलुभाई बेरा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में राज्य में पर्यटन स्थलों का बहुमुखी विकास कर पर्यटन विकास की एक नई दिशा खोली है। इसके परिणामस्वरूप गुजरात के छोटे से गांव हाफेश्वर ने आज पर्यटन क्षेत्र में विश्व स्तर पर विशेष स्थान प्राप्त किया है। इस विकास को आगे बढ़ा रहे मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में आज गुजरात के पर्यटन-मुकुट में एक और नगीना जुड़ गया है, जो सभी गुजरातियों के लिए गौरव की बात है।

पर्यटन मंत्री मुलुभाई बेरा ने कहा कि छोटा उदेपुर जिले के एक छोटे से गांव हाफेश्वर ने आज एक बार फिर ‘कुछ दिन तो गुजारिये गुजरात में’ मंत्र को साकार किया है। वर्तमान में गुजरात पर्यटन निगम द्वारा हाफेश्वर को 10 करोड़ रुपए के बजट के साथ पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का काम प्रगति पर है। इस प्रोजेक्ट के तहत पर्यटकों की सुविधाओं के लिए पार्किंग, वाटर जेटी, घाट, कैफेटेरिया, गार्डन और वॉक-वे का निर्माण किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि सतपुड़ा और विंध्याचल पर्वतमालाओं के बीच से होकर मां नर्मदा नदी प्रकृति की गोद में बसे हाफेश्वर गांव से होकर गुजरात में प्रवेश करती है, जो छोटा उदेपुर के मुख्य शहर से 40 किलोमीटर दूर कवांट तहसील में स्थित है। यहां एक प्राचीन शिव मंदिर है, जो सरदार सरोवर बांध के डूब क्षेत्र में नर्मदा के पानी में लगभग डूबी हुई स्थिति में है। फिलहाल यहां नाव की सवारी कर केवल मंदिर के ध्वज को ही देखा जा सकता है। बाद में वर्ष 2002 में इस मंदिर की मूर्तियों को एक नए और भव्य मंदिर में स्थानांतरित किया गया, जो डूबे हुए मंदिर से डेढ़ किलोमीटर दूर बनाया गया है।

पर्यटन मंत्री ने कहा कि एक अनुमान के अनुसार गुजरात में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी-एकता नगर आने वाले पर्यटकों में से सालाना लगभग 1 लाख पर्यटक हाफेश्वर घूमने आते हैं। पर्यटक इस गांव के नजदीक स्थित कडीपानी, तुरखेड़ा हिल, नखल झरना और धारसिमेल झरना जैसे अन्य दर्शनीय स्थलों को भी देखने के लिए आते हैं। यह गांव अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रोत्साहन देते हुए उसके संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। आदिवासी आबादी वाला गांव होने के परिणामस्वरूप इस गांव में पीढ़ी-दर-पीढ़ी विकसित होने वाली पुरानी परंपराएं और सांस्कृतिक पहचान आज भी बरकरार है।

ग्रामीण जन समय-समय पर आदिवासी समुदाय के मेलों का आयोजन कर अपनी सांस्कृतिक विरासत को जीवंत रखते हैं। पर्यावरणीय स्थिरता को प्रोत्साहन तथा प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के साथ-साथ सरकार और स्थानीय प्रशासन द्वारा यहां पर्यटकों के लिए अनेक नई पहलें की जा रही हैं, जिनमें ग्राम पंचायत द्वारा गांव की नियमित सफाई, वृक्षारोपण और जैव विविधता संरक्षण आदि शामिल हैं।

सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव के चयन के लिए मापदंड

केंद्र सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा सामाजिक और बुनियादी ढांचा विकास को प्रोत्साहन देने के अपने उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव प्रतियोगिता शुरू की गई है। इसके पात्रता मापदंडों में मुख्य रूप से ऐसे स्थानों का समावेश किया गया है जो 25,000 से कम आबादी घनत्व वाले हों और प्रसिद्ध स्थलों, पर्यटन स्थल या लैंडस्कैप के दायरे में स्थित हों तथा जहां कृषि, शिल्प और भोजन आदि जैसी परंपरागत गतिविधियां की जाती हों।

प्रतियोगिता के मूल्यांकन के लिए सांस्कृतिक और प्राकृतिक संसाधनों, आर्थिक-सामाजिक स्थिरता, पर्यावरणीय स्थिरता, पर्यटन का प्रशासन और प्राथमिकता, स्वास्थ्य, सुरक्षा, सांस्कृतिक संसाधनों का प्रचार और संरक्षण, पर्यटन विकास एवं मूल्य शृंखला एकीकरण, बुनियादी ढांचा और कनेक्टिविटी जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया था।

सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम के रूप में मान्यता देने के लिए हेरिटेज, कृषि पर्यटन, साहसिक पर्यटन, शिल्प, जिम्मेदार पर्यटन, वाइब्रेंट विलेज, समुदाय आधारित पर्यटन और गांव के कल्याण जैसी श्रेणियां निर्धारित की गई हैं। देश और दुनिया के पर्यटक हाफेश्वर तक आसानी से पहुंच सकें, इसके लिए पक्की सड़क के साथ-साथ यहां से लगभग 80 किमी की दूरी पर एकता नगर रेलवे स्टेशन तथा 110 किमी की दूरी पर वडोदरा हवाई अड्डा भी स्थित है।

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हिन्दुस्थान समाचार / बिनोद पाण्डेय

   

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