हाफिज बने डेढ़? दर्जन से अधिक बच्चों की जलसे में हुई दस्तारबंदी

पूर्वी चंपारण,13 फ़रवरी (हि.स.)। जिले के सुगौली स्थित मदरसा इस्लामिया जमा मस्जिद ट्रस्ट में गुरुवार को दीनी तब्लीगी इस्लाही इजलास ए आम और दस्तारबंदी कार्यक्रम का आयोजन किया गया,जिसमे हाफिज ए कुरान बने करीब डेढ दर्जन से अधिक बच्चों की जलसे में दस्तारबंदी हुई,जिसमें अब्दुल करीम शाहजहां, नेमतुल्लाह मो.साकिम,मो.इरफान,लालबाबू, मो.सादिक आलम सदरेआलम,सरताज आलम, आजाद अहमद सहित अन्य बच्चे शामिल है।

मदरसा के सेक्रेटरी मो. जिकरुल्लाह साहब,सदर अजीजुल्ला साहब, खजांची मो.आसिफ सहित सदारत मुफ्ती मो.जुनैद आलम नदवी कासमी,जेरे सरपरस्ती मौलाना कलीमुल्लाह समसी,जेरे नजामत मौलाना आसिफ एकबाल कासमी,जेरे खेताबत मौलाना जाहगीर कासमी,उस्ताद कारी जियाउल्लाह साहब, हाफिज अली ही इमाम साहब,हाफिज सोहराब आलम साहब की मौजूदगी में बच्चों के सिर पर पगडी बांधी गई। इस दौरान हाफिज-ए कुरआन बच्चों को बुर्जुगों व उलेमाओं द्वारा उपहार देकर सम्मानित किया गया।

सदारत मुफ्ती मो.जावेद आलम नदवी कासमी ने तकरीर की और कहा कि बच्चों को दीन के साथ दुनियावी तालीम भी दिलाए। शिक्षित समाज ही तरक्की करता है। आज सबसे बड़ी जरूरत तालीम को आम किए जाने की है। हर बच्चे को तालीम एवं तहजीब के जेवर से सजाया जाए। उन्होंने कहा कि मुआशरे में फैली खुराफात एवं बिदआत से बचने की तलकीन की जरूरत है। खासतौर पर शादी-ब्याह के मौके पर जो इंसानियत सोज हरकतें हो रही हैं जैसे वीडियोग्राफी, बारात का चढ़ाना, खड़े होकर खाना खिलाना,औरत-मर्द का एक साथ प्रोग्राम कराना,नाच-गाना बजाना, दिखावे के लिए अपनी हैसियत से बढ़कर खर्च करना,लड़कियों से स्वागत कराना अथवा खाना खिलवाना यब सब गैर इस्लामी है। इन तमाम रस्मों से होने वाले गुनाह से बचने की अपील की।

हिन्दुस्थान समाचार / आनंद कुमार

   

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