हिसार: कृषि कार्यों संबंधी सलाह लगातार किसानों तक पहुंचा रहा हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय:बीआर कम्बोज

पुस्तिका का विमोचन करते कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज।

एचएयू वैज्ञानिकों एवं प्रदेश के कृषि अधिकारियों की वर्कशॉप, फसलों में नई समग्र सिफारिशों के लिए दो दिन करेंगे मंथन

हिसार, 20 नवंबर (हि.स.)। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने कहा है कि विश्वविद्यालय लगातार कृषि कार्यों संबंधी सलाह किसानों तक पहुंचा रहा है। इसी कारण किसानों को कृषि कार्यों से संबंधित फैसले लेने मदद मिल रही है।

कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज बुधवार को कृषि महाविद्यालय सभागार में कृषि अधिकारी कार्यशाला (रबी) 2024 का शुभारंभ अवसर पर संबोधन दे रहे थे। कार्यशाला में विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक तथा प्रदेश के कृषि और किसान कल्याण विभाग के सभी जिलों से कृषि अधिकारी भाग ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि कार्यशाला में नई किस्मों, नई तकनीकों, और नई सिफारिशों के साथ-साथ भविष्य की रणनीति पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। कुलपति ने आह्वान किया कि कृषि क्षेत्र को लाभकारी बनाने के लिए किसानों को पारंपरिक फसलों के स्थान पर दलहनी एवं तिलहनी फसलों की खेती करने के लिए प्रेरित किया करें। किसानों को उन फसलों की काश्त करने के लिए जागरूक किया जाए जिन फसलों में पोषक तत्व एवं पानी की कम मात्रा के साथ-साथ उत्पादन लागत कम आए। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र एक बहुत बड़ा प्लेटफार्म है तथा कृषि उत्पादन, खाद्य सुरक्षा, किसानों की आय में बढ़ोतरी तथा प्राकृतिक संसाधनों का सीमित मात्रा में प्रयोग करना हमारा सर्वोपरि उद्देश्य है।

प्राकृतिक एवं ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा योजनाबद्ध ढंग से कार्य किया जा रहा है। किसानों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक निरंतर अनुसंधान एवं नई तकनीक पर काम कर रहे हैं व कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर इन तकनीकों को किसानों तक पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2023-24 में हरियाणा में खाद्यान्न उत्पादन बढक़र 332 लाख मीट्रिक टन हो गया है जिसके कारण देश के केंद्रीय पूल में हरियाणा दूसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता है। खाद्यान्न उत्पादन में बढ़ोतरी का कारण विश्वविद्यालय द्वारा विकसित उन्नत किस्में, आधुनिक कृषि तकनीक के अलावा कृषि विभाग व कृषि विज्ञान केन्द्रों द्वारा उन तकनीकों को किसानों तक पहुुुचानें से संभव हो सका है। फसल अवशेष प्रबंधन, फसल विविधिकरण, मृदा स्वास्थ्य व जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों को ध्यान में रखते हुए आधुनिक तकनीक का उपयोग करके फसल उत्पादन बढ़ाने व कृषि से जुड़ी समस्याओं का तत्परता से समाधान करने की आवश्यकता है। कुलपति ने कार्यशाला में पिछली खरीफ की कार्यवाही रिपोर्ट पुस्तिका का भी विमोचन किया।

कार्यशाला में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. राजा शेखर वुंडरू, एवं कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के निदेशक राज नारायण कौशिक ऑनलाइन माध्यम से जुड़े। कृषि विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. आरएस सोलंकी ने राज्य सरकार द्वारा किसानों के कल्याणार्थ क्रियान्वित की जा रही योजनाओं जैसे मेरा पानी-मेरी विरासत, हर खेत स्वस्थ खेत, मेरी फसल मेरा ब्यौरा तथा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पर विस्तार से प्रकाश डाला।

विश्वविद्यालय के विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. बलवान सिंह मंडल ने वर्कशॉप की विस्तृत जानकारी देते हुए निदेशालय द्वारा आयोजित की जाने वाली विभिन्न गतिविधियों के बारे में बताया। अनुसंधान निदेशक डॉ. राजबीर गर्ग ने अनुसंधान परियोजनाओं व विश्वविद्यालय की नवीनतम तकनीकों पर चल रहे शोध कार्यो के बारे में बताया। विस्तार शिक्षा निदेशालय के सह-निदेशक डॉ. सुनील ढांडा ने मंच का संचालन किया।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर

   

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