ढेंचा उगाने वाले किसानों के लिए हरियाणा सरकार का बड़ा ऐलान

सीधे खाते में मिलेगा नकद प्रोत्साहन, उपजाऊ जमीन और कम लागत का बनेगा आधार प्रति एकड़ 1,000 रुपये की सहायता, 4 लाख एकड़ में फसल विविधिकरण का लक्ष्य

चंडीगढ़ हरियाणा सरकार ने राज्य में हरित खाद को बढ़ावा देने और किसानों को रासायनिक खाद पर निर्भरता से मुक्त करने के उद्देश्य से एक बड़ी योजना की घोषणा की है। अब जो किसान अपनी जमीन पर ढेंचा हरित खाद के रूप में उगाएंगे, उन्हें सरकार की ओर से नकद प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। यह राशि प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजी जाएगी।हरियाणा के कृषि मंत्री श्री श्याम सिंह राणा ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि ढेंचा उगाने वाले किसानों को प्रति एकड़ 1,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। उन्होंने बताया कि ढेंचा एक प्राकृतिक खाद है जो मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने, नमी बनाए रखने और उत्पादन लागत घटाने में सहायक है। यह योजना पहली बार प्रदेशभर में लागू की जा रही है, जिससे हजारों किसानों को लाभ होगा।ढेंचा एक फलीदार फसल है, जिसे कटाई से पहले मिट्टी में जोतकर जैविक खाद तैयार की जाती है। यह फ़सल मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने में भी सहायक होती हैं क्योंकि ये नाइट्रोजन स्थिरीकरण करती हैं और नाइट्रोजन की पूर्ति करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे मिट्टी की संरचना बेहतर होती है और लंबे समय तक उत्पादकता बनी रहती है।श्री राणा ने किसानों से अपील की  है कि वे अपनी ढेंचा फसल की फोटो ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर समय रहते अपलोड करें , इसके बिना योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा।सरकार ने राज्य के 22 जिलों में 4 लाख एकड़ भूमि पर फसल विविधिकरण का लक्ष्य रखा है, जिसमें ढेंचा की फ़सल को प्रमुखता दी जा रही है। इस योजना से अनुमानित 3 लाख से अधिक किसानों को लाभ मिलेगा।कृषि मंत्री ने बताया कि यह योजना मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के किसान-केंद्रित दृष्टिकोण को धरातल पर उतारने की दिशा में एक ठोस प्रयास है।राज्य सरकार का उद्देश्य इस योजना के जरिए किसानों को डिजिटल प्रणाली से जोड़ना और सरकारी लाभों को पारदर्शी व सुगम तरीके से उनके घर तक पहुंचाना है।कृषि मंत्री ने किसानों से आह्वान किया कि वे राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाओं का पूरा लाभ उठाएं और ढेंचा जैसी पर्यावरण-अनुकूल फसल को अपनाकर हरित क्रांति में भागीदार बनें।

चंडीगढ़। स्टेट समाचार।

 

   

सम्बंधित खबर