सितारगंज सीएचसी और मोरी पीएचसी उच्चीकृत, मुख्यमंत्री का जताया आभार

-सितारगंज सीएचसी बना उप जिला चिकित्सालय,मोरी को मिला सीएचसी का दर्जा

देहरादून, 10 अक्टूबर (हि.स.)। धामी सरकार राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है। इसी क्रम में ऊधमसिंह नगर जनपद के सितारगंज में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को उप जिला चिकित्सालय और उत्तरकाशी जिले के मोरी में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उच्चीकृत कर दिया गया है। अब क्षेत्रवासियों को बेहतर इलाज के लिए महानगरों की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। क्षेत्रीय जनता ने इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत का धन्यवाद प्रकट किया है।

प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव डॉ.आर राजेश कुमार के अनुसार सितारगंज के 30 शैय्यायुक्त सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को 90 शैय्यायुक्त उप जिला चिकित्सालय में उच्चीकृत किया गया है। अस्पताल के संचालन के लिए मुख्य चिकित्सा अधीक्षक समेत कुल 65 पदों की स्वीकृति दी गई है। इनमें 40 पद (20 नियमित एवं 20 आउटसोर्स) नए सृजित किए गए हैं। नवसृजित पदों में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के अलावा एक आर्थोपेडिक सर्जन, एक नेत्र शल्यक, एक रेडियोलॉजिस्ट, एक पैथोलोजिस्ट, चार वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारी, 10 नर्सिंग अधिकारी, एक लैब टेक्नीशियन शामिल है। यह सभी पद नियमित अस्थायी होंगे। इसके अलावा 20 पद आउटसोर्स से होंगे।

इसी प्रकार मुख्यमंत्री की घोषणा के क्रम में मोरी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा दिया गया है। अस्पताल के संचालन के लिए 37 पदों (25 अस्थायी व 12 आउटसोर्स) की स्वीकृति दी गई है। स्वीकृत पदों में चिकित्सा अधीक्षक, पब्लिक हेल्थ स्पेशलिस्ट, जनरल सर्जन, फिजिशियन, स्त्री रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ, निश्चेतक, दंत शल्यक, नर्सिंग अधिकारी, लैब टेक्नीशियन आदि मुख्य रूप से शामिल हैं।

जन-स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को सशक्त बनाना हमारी प्राथमिकता है: मुख्यमंत्री धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धमाी ने कहा कि जन-स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को सशक्त बनाना हमारी प्राथमिकता है। इसके लिए चिकित्सा संस्थानों के उच्चीकरण के साथ ही उन्हें अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से सुसज्जित किया जा रहा है। पर्वतीय जिलों में चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार के साथ ही वहां चिकित्सकों की तैनाती,जीवनरक्षक उपकरणों और दवाओं की उपलब्धता पर विशेष ध्यान दिया गया है। चिकित्सकों को अस्पतालों में अपनी ड्यूटी पर अनिवार्य रूप से उपस्थित होने के निर्देश दिए गए हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार

   

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