अभिभावकों के अधिक अपेक्षा से बिगड़ रहा बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य: अशोक राय

—दो दिवसीय मेन्टल हेल्थ फेस्टिवल में विशेषज्ञों ने मानसिक स्वास्थ्य पर की चर्चा

वाराणसी, 21 अक्टूबर (हि.स.)। औसानगंज नवापुरा स्थित डीएवी पीजी कॉलेज के मनोविज्ञान विभाग में सोमवार से आयोजित दो दिवसीय मेन्टल हेल्थ फेस्टिवल 'बैलेंस विथ इन' के उद्घाटन सत्र में विशेषज्ञों की जुटान हुई। छात्र मंच साइकोजेनेसिस के तत्वावधान में पहले दिन बच्चों एवं किशोरों में मानसिक स्वास्थ्य सम्बंधी मुद्दे पर चर्चा हुई। सिम्पोजियम तथा रंगोली प्रतियोगिता में छात्रों ने विषय पर गम्भीरता दिखाई। मुख्य अतिथि जिला मानसिक चिकित्सालय, पाण्डेयपुर के निदेशक डॉ. अशोक राय ने कहा कि आज मानसिक स्वास्थ्य की समस्या बच्चों और किशोरों में ज्यादा आ रही है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार 18 वर्ष तक के 12 फीसदी बच्चे मानसिक स्वास्थ्य से पीड़ित है।

उन्होंने बताया कि बच्चों में मानसिक स्वास्थ्य खराब होने का सबसे प्रमुख कारण अभिभावकों की, समाज की उनसे सबसे बेहतर की अपेक्षा रखना भी है। हमें यह ध्यान देना होगा कि बच्चों पर अनावश्यक दबाव ना डाले। उनकी इच्छाओं का भी सम्मान करें। उन्होंने बताया कि सरकार को स्वास्थ्य सुविधाओं पर विशेष ध्यान देना होगा, प्रदेश में अभी सिर्फ 3 मानसिक चिकित्सालय हैं, जो चिन्ता का विषय है।

महाविद्यालय के प्रबंधक अजीत कुमार सिंह यादव ने कहा कि मौजूदा दौर में मानसिक स्वास्थ्य एक ज्वलंत मुद्दा है। इससे केवल खास आयुवर्ग के लोग पीड़ित नही है बल्कि बच्चें, युवाओं और बुजुर्गों में भी यह समस्या दिखलाई पड़ रही है। उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रखने में परिवार और आपका परिवेश काफी मददगार साबित हो सकता है।

अध्यक्षता करते हुए कार्यकारी प्राचार्य प्रो. सत्यगोपाल ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य की बीमारी कोई अभिशाप नही है। यह एक प्रकिया के द्वारा, अच्छे व्यवहार से ठीक किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि समस्या होने पर तत्काल बेझिझक किसी मनोचिकित्सक अथवा मनोवैज्ञानिक से सम्पर्क करना चाहिए। कार्यक्रम संयोजक एवं विभागाध्यक्ष प्रो. ऋचारानी यादव ने विषय स्थापना किया। स्वागत डॉ. कल्पना सिंह, संचालन डॉ. राजेश झा एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अखिलेन्द्र सिंह ने दिया।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी

   

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