राजस्थान के उच्च शिक्षण संस्थान अब हो सकेंगे ओपन डिस्टेंस लर्निंग के अध्ययन केंद्र
- Admin Admin
- Feb 06, 2025

अजमेर, 6 फरवरी(हि.स)। राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय इस वर्ष से ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग कार्यक्रमों की शुरुआत करेगा। विश्वविद्यालय का यह प्रयास शिक्षा को सुलभ और समावेशी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। ओपन डिस्टेंस लर्निंग और ओपन प्रोग्राम उन छात्रों को शिक्षा का अवसर प्रदान करेगा, जो विभिन्न कारणों से पारंपरिक शिक्षा प्राप्त करने में सक्षम नहीं है। यह उन्हें आवश्यक ज्ञान और कौशल से सशक्त बनाएगा जिससे वे अपने अकादमिक और व्यावसायिक लक्ष्यों को प्राप्त कर सकें।
राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आनंद भालेराव ने बताया कि ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग कार्यक्रमों के लिए राजस्थान में विभिन्न स्थानों पर लर्निंग सेंटर स्थापित किए जाएंगे, जिसके लिए इच्छुक उच्च शिक्षण संस्थान जिनके पास अनुभव और आवश्यक बुनियादी ढांचा है वो अपनी अभिरुचि बता सकते हैं। इस तरह के लर्निंग सेंटर भौगोलिक बाधाओं का सामना कर रहे छात्रों को शिक्षा से जोड़ने में सहायक होंगे। यह पहल संस्थागत सहयोग को बढ़ावा देने और ओपन एवं डिस्टेंस लर्निंग मोड के माध्यम से उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को सुदृढ़ करने के लिए तैयार की गई है।
प्रो आनंद भालेराव ने आगे बताया कि हाल ही में शिक्षा मंत्रालय ने उच्च शिक्षा में डिजिटलीकरण को बढ़ावा देते हुए इसे समाज की आवश्यकताओं के अनुरूप समृद्ध बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की है जिसके चलते ओपन डिस्टेंस लर्निंग प्रोग्राम्स को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस कदम का उद्देश्य ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो को वर्तमान में 28.26 प्रतिशत से बढ़ाकर वर्ष 2050 तक 50 प्रतिशत तक ले जाना है, ताकि उच्च शिक्षा साक्षरता में उल्लेखनीय वृद्धि हो सके।
उन्होंने बताया कि जो भी लर्निंग सेंटर राजस्थान में बनाए जाएंगे और उन्हें कुछ पात्रता मानदंड पूरे करने होंगे ताकि शिक्षा कि गुणवत्ता में कमी न हो। जैसे लर्निंग सेंटर को ओपन डिस्टेंस लर्निंग मोड के लिए स्व-अध्ययन सामग्री विकसित करनी होगी, कम से कम 60 प्रतिशत स्व अध्ययन सामग्री विश्वविद्यालय के आंतरिक संकाय द्वारा विकसित करना होगा और स्व-अध्ययन सामग्री ऐसी हो जो स्वयं स्पष्ट हो। ऑनलाइन मोड के लिए पात्रता मानदंड में शामिल होंगे यूजीसी विनियमों के अनुसार फोर-क्वाड्रेंट अप्रोच का पालन किया जाना, ऑनलाइन कार्यक्रमों को विकसित करने के लिए आवश्यक तकनीकी क्षमता व स्वीकृत प्लेटफार्मों के माध्यम से ऑनलाइन कार्यक्रम प्रदान किए जाना। प्रवेश, परीक्षा और शिक्षार्थी सहायता सेवाओं के संबंध में यूजीसी मानकों का पालन करना अनिवार्य होगा। पारदर्शी प्रवेश प्रक्रिया सुनिश्चित करनी होगी और उचित दस्तावेज का रख - रखाव करना होगा।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / संतोष