एचएमपीवी वायरस, सतर्कता और जागरूकता जरूरी

किशनगंज,07 जनवरी(हि.स.)। देश में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकार ने एडवाइजरी जारी की है। यह वायरस ऊपरी और निचले श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है, जिसके कारण सर्दी, खांसी और सांस की समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि, यह सामान्य रूप से मामूली संक्रमण का कारण बनता है, लेकिन पांच साल से कम उम्र के बच्चों, 65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, और कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों के लिए गंभीर खतरा बन सकता है।

स्वास्थ्य विभाग ने इसे लेकर सभी जिलाधिकारियों और सिविल सर्जनों को सतर्क रहने और सावधानी बरतने का निर्देश दिया है। मंगलवार को सदर अस्पताल परिसर में सिविल सर्जन डा. राजेश कुमार ने बताया कि एचएमपीवी से घबराने की आवश्यकता नहीं है। यह वायरस नया नहीं है और वर्ष 2001 से इसके मामले सामने आते रहे हैं। हालांकि, विभाग सतर्क है और लोगों को भी सतर्क रहने की सलाह दी गई है। यह वायरस खांसने, छींकने, या संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है। सर्दियों में इसके मामलों में वृद्धि देखी जाती है, जबकि वसंत में इसके प्रसार में कमी होती है।

डॉ. राजेश ने बताया कि कमजोर इम्युनिटी वाले लोग, अस्थमा के मरीज और सांस की अन्य बीमारियों से ग्रसित लोगों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। संक्रमण से बचाव के लिए नियमित हाथ धोना, संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखना और व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखना बेहद जरूरी है। जिलाधिकारी विशाल राज ने कहा कि एचएमपीवी से डरने की बजाय सतर्क रहने की जरूरत है। विभाग ने संक्रमण के मामलों पर नजर रखने और संभावित मरीजों की पहचान के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। सभी स्वास्थ्य संस्थानों को खांसी, जुकाम और सांस से जुड़ी समस्याओं वाले मरीजों की नियमित निगरानी करने का निर्देश दिया गया है। यदि किसी मरीज में एचएमपीवी के लक्षण पाए जाते हैं, तो उसकी तुरंत जांच कराई जाएगी और आवश्यक एहतियाती कदम उठाए जाएंगे।

हिन्दुस्थान समाचार / धर्मेन्द्र सिंह

   

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