ग्यारह साल बाद जगी आसः ओडर गांव को जोड़ने वाले झूला पुल के लिए हुआ भूमि पूजन

गोपेश्वर, 17 अक्टूबर (हि.स.)। सब कुछ ठीक ठाक रहा तो ओडर गांव के लिए आवागमन सुलभ हो जायेगा। गुरूवार को 2013 की दैविक आपदा में बहे झूला पुल के स्थान पर नया पुल बनने के भूमि पूजन किया गया। यह झूला पुल 2026 में बन कर तैयार हो जाएगा। ग्रामीणों की लम्बे समय से चल रही ज्वलंत मांग पूरी होने से ग्रामीणों में एक आस जगी है।

क्षेत्र पंचायत सदस्य पान सिंह गडिया ने बताया कि वर्ष 2013 की दैविक आपदा में पिंडर नदी में बना ओडर झूला पुल नदी के तेज बहाव में बह गया था। 11 वर्ष बाद पुल का काम शुरू होने पर ग्रामीणों की लम्बे समय से चल रही मांग पूरी होने जा रही है। यह पुल 125 मीटर स्पान का बनना है जिसकी लागत सात करोड़ 77 लाख है। जिसे वर्ल्ड बैंक के सहयोग से बनाया जा रहा है।

गौरतलब है कि वर्ष 2013 की आपदा में ओडर गांव को जोड़ने वाला झुला पुल बह गया था। तब से लेकर वर्तमान तक ग्रामीण नदी पर श्रमदान से अस्थाई पुल बनाकर आवाजाही करते आ रहे है। यह अस्थाई पुल भी हर वर्ष बरसात में बह जाता था जिससे ग्रामीणों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हालांकि यहां पर लोनिवि की ओर से एक ट्रोली भी लगायी गई थी लेकिन वह भी ज्यादातर खराब हाल में ही रहती थी। कई बार इसमें लोग बीच नदी के बीच ही फंस जाते थे। अब जब यहां पर झुला पुल का निर्माण किये जाने के लिए भूमि पूजन हुआ है तो ग्रामीणों में एक आस जगी है।

इस मौके पर क्षेत्र प्रमुख डॉ. दर्शन दानू, पान सिंह, प्रधान खीम राम, पूर्व प्रधान राजेंद्र मेहरा, खिलाफ सिंह, कलम मेहरा, प्रताप सिंह, हरेंद्र गडिया, विकी, पूर्व सुबेदार राम सिंह गडिया, खीमानंद नौटियाल, सुजान सिंह आदि मौजूद थे।

हिन्दुस्थान समाचार / जगदीश पोखरियाल

   

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