हिमाचल में भाजपा अध्यक्ष की दौड़ हुई दिलचस्प, दौड़ में सांसद और विधायक 

शिमला, 08 जनवरी (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश में भाजपा के संगठनात्मक चुनाव आखिरी चरण में हैं और अब पार्टी जल्द ही नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा करेगी। केंद्रीय नेतृत्व ने केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह को प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए प्रभारी नियुक्त किया है। इस अहम पद के लिए पार्टी के भीतर कई बड़े नेताओं के नाम चर्चा में हैं जिनमें अधिकांश मौजूदा विधायक और सांसद शामिल हैं। इससे प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ बेहद दिलचस्प हो गई है।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पद के दावेदारों में जसवां परागपुर से विधायक विक्रम ठाकुर, बिलासपुर सदर से विधायक त्रिलोक जम्वाल, सुलाह से विधायक व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार, ऊना के विधायक व पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सत्ती जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं। इसके अलावा राज्यसभा सांसद डॉक्टर सिकंदर कुमार व इंदु गोस्वामी और लोकसभा सांसद राजीव भारद्वाज भी दौड़ में हैं।

विधायकों में त्रिलोक जम्वाल को इस पद के लिए मजबूत दावेदार माना जा रहा है। दरअसल वे लंबे समय से भाजपा संगठन के साथ जुड़े हैं और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के करीबी माने जाते हैं। जम्वाल नड्डा के गृह विधानसभा क्षेत्र बिलासपुर सदर का प्रतिनिधित्व करते हैं और पहली बार विधायक बने हैं।

यदि पार्टी महिला नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाना चाहती है तो इंदु गोस्वामी इस दौड़ में सबसे आगे होंगी। वह कांगड़ा जिले के बैजनाथ क्षेत्र से हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की करीबी मानी जाती हैं। कांगड़ा हिमाचल का सबसे बड़ा और राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण जिला है।

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और सुलाह के विधायक विपिन परमार को भी इस पद के लिए प्रबल दावेदार माना जा रहा है। संगठनात्मक अनुभव और संतुलित राजनीतिक दृष्टिकोण के कारण वे केंद्रीय नेतृत्व के पसंदीदा बन सकते हैं।

विधायक सतपाल सत्ती का नाम भी चर्चा में है। उन्होंने 2012 से 2020 तक लगातार तीन कार्यकालों में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के रूप में अपनी छाप छोड़ी है। उनके नेतृत्व में संगठन ने कई महत्वपूर्ण चुनावी उपलब्धियां हासिल की हैं।

इसके अलावा पूर्व उद्योग मंत्री और जसवां-प्रागपुर से विधायक बिक्रम सिंह के नाम भी संभावित उम्मीदवारों की सूची में शामिल हैं। भाजपा अगर अनुसूचित जाति वर्ग से अध्यक्ष बनाती है तो राज्यसभा सांसद डॉक्टर सिकंदर कुमार सबसे मजबूत दावेदार हैं।

वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल को दोबारा मौका मिलने की संभावना कम नजर आ रही है। हालांकि उनके नेतृत्व में भाजपा ने चारों लोकसभा सीटें जीतीं लेकिन हाल के विधानसभा उपचुनावों में पार्टी को नौ में से केवल तीन सीटों पर जीत मिली। बिंदल ने अप्रैल 2023 से प्रदेश अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला था।

बहरहाल भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष का चयन पूरी तरह से केंद्रीय नेतृत्व पर निर्भर करेगा। हिमाचल में आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति पार्टी के लिए बेहद महत्वपूर्ण होगी।

बता दें कि प्रदेश में संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया अब अंतिम चरण में है। राज्य में भाजपा के 30 मंडलों और एक जिला में अध्यक्ष का चुनाव ही बचा है।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा

   

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