हिमाचल प्रदेश में सीएसआर गतिविधियों में तीन वर्षों में 385 करोड़ रुपये खर्च

शिमला, 10 दिसंबर (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश में कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) के तहत पिछले तीन वर्षों में 385 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च की गई है। यह जानकारी कारपोरेट राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने मंगलवार को राज्यसभा में सांसद डॉक्टर सिकंदर कुमार के सवाल के जवाब में दी।

हर्ष मल्होत्रा ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में हिमाचल में सीएसआर गतिविधियों के तहत 106.31 करोड़ रुपये, वित्तीय वर्ष 2021-22 में 140.22 करोड़ रुपये और वित्तीय वर्ष 2022-23 में 138.52 करोड़ रुपये का खर्च किया गया। इस प्रकार पिछले तीन वर्षों में कुल 385.05 करोड़ रुपये का खर्च विभिन्न विकासात्मक और समाजिक कल्याणकारी कार्यों में किया गया है।

हर्ष मल्होत्रा ने बताया कि वर्ष 2020 से 2023 तक मंडी जिला में सीएसआर के तहत 9.6 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।

हर्ष मल्होत्रा ने बताया कि सीएसआर के तहत खर्च की गई राशि का उपयोग विभिन्न सामाजिक कल्याण कार्यों में किया गया, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण संरक्षण, खेल और व्यवसायिक कौशल जैसे क्षेत्रों में योगदान दिया गया।

डाॅ0 सिकंदर कुमार ने दूसरा विषय हिमाचल प्रदेश में हरित हाइड्रोजन परियोजना की स्थापना से संबंधित उठाया। उनके द्वारा पूछी गई जानकारी के संबंध में केन्द्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा एवं विद्युत राज्य मंत्री श्रीपाद येसो नाईक ने बताया कि नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत को हरित हाईड्रोजन और इसके डेरिवेटिव्स के उत्पादन, उपयोग और निर्यात का वैश्विक केन्द्र बनाने के उदेश्य से राष्ट्रीय हरित हाइड्रोलन मिशन को क्रियान्वित कर रहा है। मिशन का उदेश्य पूरे भारत में हरित हाइड्रोजन उत्पादन परियोजनाओं को विकसित करना है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान स्थिति में इस मिशन के तहत हिमाचल प्रदेश में कार्यान्वित करने के लिए कोई परियोजना स्वीकृत नहीं की गई है। लेकिन एसजेवीएन लिमिटड और ओयल इंडिया लिमिटड ने हिमाचल प्रदेश में हरित हाईड्रोजन परियोजनाओं की स्थापना के लिए स्वतंत्र रूप से पहल की है।

केन्द्रीय राज्य मंत्री ने आगे बताया कि अखिल भारत स्तर पर ग्रीन हाइड्रोजन पारितंत्र विकसित करने हेतु सरकार द्वारा विभिन्न उपाय किए गए हैं जिसकी विस्तृत जानकारी उन्होंने संसद में प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने हरित हाइड्रोजन ऊर्जा भंडारण को बढ़ावा देने के लिए हिमाचल प्रदेश ऊर्जा नीति, 2021 में प्रावधान शामिल किए हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा

   

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