हिमाचल के आठ ट्राउट फार्मों में हुआ लाखों अंडों का उत्पादन

शिमला, 2 मार्च (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश ने देश में उच्च गुणवत्ता वाले रेनबो ट्राउट के आंख वाले अंडों के प्रमुख उत्पादक और आपूर्तिकर्ता के रूप में अपनी स्थिति मजबूत कर ली है। राज्य ने उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्यों को इन अंडों की आपूर्ति कर मत्स्य पालन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। अकेले उत्तराखंड को 9.05 लाख रेनबो ट्राउट के आंख वाले अंडे भेजे गए हैं।

मत्स्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष राज्य के आठ सरकारी ट्राउट फार्मों ने 12.60 लाख रेनबो ट्राउट और 1.74 लाख ब्राउन ट्राउट के आंख वाले अंडों का उत्पादन किया है। ये फार्म कुल्लू जिले के पतलीकूहल और हामनी, मंडी जिले के बरोट, शिमला जिले के धमवाड़ी, किन्नौर जिले के सांगला तथा चंबा जिले के थल्ला, होली और भंडाल में स्थित हैं।

20 लाख से अधिक उत्पादन की संभावना

एक सरकारी प्रवक्ता के अनुसार प्रदेश में रेनबो ट्राउट मछली का प्रजनन कार्य अभी भी जारी है, जिससे उम्मीद है कि इस बार आंख वाले अंडों का कुल उत्पादन 20 लाख से अधिक हो सकता है। यह पिछले वर्ष के 15.79 लाख अंडों के मुकाबले उल्लेखनीय वृद्धि होगी। इसके अतिरिक्त निजी क्षेत्र से भी बराबर मात्रा में योगदान की संभावना है। कुल्लू, मंडी और सिरमौर जिलों में स्थित नौ निजी हैचरियों ने सामूहिक रूप से 20 लाख अंडों के उत्पादन का लक्ष्य रखा है।

प्रवक्ता ने कहा कि राज्य में कुल ट्राउट उत्पादन वित्तीय वर्ष 2023-24 में 1,402 मीट्रिक टन था, जिसे 2024-25 में बढ़ाकर 1,600 मीट्रिक टन तक पहुंचाने का अनुमान है। इस उपलब्धि में कुल्लू, मंडी और अन्य जिलों के प्रगतिशील मछली पालकों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

ब्राउन ट्राउट उत्पादन में भी वृद्धि

प्रवक्ता ने कहा कि रेनबो ट्राउट के अलावा राज्य में ब्राउन ट्राउट के बीज उत्पादन में भी वृद्धि देखी गई है। यह प्रजाति धीमी गति से बढ़ती है और मुख्य रूप से जैव विविधता के संरक्षण और मत्स्य पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उत्पादित की जाती है। मंडी के बरोट और शिमला के धमवाड़ी ट्राउट फार्मों में ब्राउन ट्राउट की नार्वे और डेनिश प्रजातियों का सफलतापूर्वक प्रजनन किया गया है। यहां उत्पादित ब्राउन ट्राउट फिंगरलिंग को राज्यभर की ट्राउट-अनुकूल नदियों में छोड़ा जा रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के प्रयासों से दिसंबर 2024 तक 3,524 पर्यटक मत्स्य पर्यटन के लिए हिमाचल पहुंचे, जिससे राज्य की पहचान एक प्रमुख मत्स्य गंतव्य के रूप में स्थापित हो रही है। इन उपलब्धियों से यह स्पष्ट होता है कि राज्य सरकार जल, कृषि और मत्स्य पालन विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।

वहीं मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू का कहना है कि मत्स्य पालन विभाग की इन पहलों ने न केवल जलकृषि उत्पादन को बढ़ावा दिया है, बल्कि युवाओं को भी इस क्षेत्र में नए अवसर तलाशने के लिए प्रेरित किया है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक और सतत जलीय कृषि प्रथाओं को बढ़ावा देकर राज्य सरकार किसानों की नई पीढ़ी को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और आर्थिक विकास में योगदान देने के लिए सशक्त बना रही है।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा

   

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