आईएफएफआई के 55वें संस्करण में उभरते हुए युवा  फिल्म निर्माताओं  पर रहेगा फोकस 

नई दिल्ली, 11 नवंबर (हि.स.)। गोवा में 20 से 28 नवंबर तक आयोजित होने वाले 55वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) इस बार

'युवा फिल्म निर्माता हैं अब भविष्य ' थीम के साथ शुरू होने को तैयार है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय, राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (एनएफडीसी) और एंटरटेनमेंट सोसाइटी ऑफ गोवा (ईएसजी) के सहयोग से आयोजित होने वाले इस फिल्म महोत्सव में इस बार 47 महिला निर्देशकों की फिल्में प्रदर्शित की जाएंगी।

सोमवार को नेशनल मीडिया सेंटर में आयोजित प्रेसवार्ता में सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने वैश्विक मंच पर महोत्सव की प्रतिष्ठित भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आईएफएफआई न केवल भारत के लिए बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कान्स जैसे वैश्विक त्योहारों के बराबर एक ऐतिहासिक कार्यक्रम बन गया है। डॉ. मुरुगन ने कहा कि इस वर्ष के संस्करण में अंतरराष्ट्रीय फिल्म प्रस्तुतियों के लिए जबरदस्त रुचि देखी जा रही है। उन्होंने बताया कि इस महोत्सव के प्रति लोगों का जुड़ाव बढ़ाने के लिए मंत्रालय ने प्रमुख शहरों में प्रचार रोड शो आयोजित किए हैं, जिनमें मुंबई और चेन्नई में हाल के कार्यक्रम शामिल हैं। डॉ. मुरुगन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण को दर्शाते हुए उद्योग जगत के नेताओं से आत्मनिर्भर भारत की भावना और आईएफएफआई को विश्व स्तर पर प्रसिद्ध सिनेमाई कार्यक्रम में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होने का भी आग्रह किया।

इस मौके पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू ने कहा कि विभिन्न प्रारूपों और दृष्टिकोणों को अपनाते हुए भारत तेजी से दुनिया के सबसे बड़े फिल्म निर्माण राष्ट्र के रूप में उभर रहा है। इस उद्योग को आगे बढ़ाने में नई, उभरती हुई प्रतिभाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। उन्होंने कहा कि आईएफएफआई 2024 को फिल्म निर्माताओं और सिनेमा प्रेमियों दोनों के लिए डिजाइन किया गया है और यह भविष्य को आकार देने वाली आवाजों को प्राथमिकता देता है, खासकर उभरते युवा फिल्म निर्माताओं को जो देश की सांस्कृतिक कहानियों को रोचक तरीके से प्रस्तुत करने में सक्षम है।

संजय जाजू ने बताया कि क्रिएटिव माइंड्स ऑफ़ टुमॉरो प्लेटफ़ॉर्म की पहल के तहत पिछले साल की तुलना में 75 युवा प्रतिभाओं को बढ़ाकर 100 कर दिया गया है। इस श्रेणी में 10 हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। इसके साथ देश भर के फिल्म स्कूलों से 400 युवा फिल्म छात्रों को मंत्रालय द्वारा आईएफएफआई में भाग लेने की सुविधा प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि देश में युवा फिल्म निर्माण प्रतिभा को पहचानने के लिए, सर्वश्रेष्ठ नवोदित भारतीय निर्देशक का एक नया खंड और पुरस्कार स्थापित किया गया है। मास्टरक्लास, पैनल चर्चा, फिल्म बाजार और फिल्म पैकेज सभी युवा रचनाकारों के लिए तैयार किए गए हैं। आईएफएफआई 2024 सिनेमाई दिग्गजों को भी श्रद्धांजलि देगा और विशेष वर्गों और प्रदर्शनियों के माध्यम से विविध दृष्टिकोण प्रदर्शित करेगा, जो गोवा में दर्शकों के लिए एक अनूठा अनुभव मुहैया कराएगा।

महोत्सव के निदेशक शेखर कपूर ने सिनेमा में कहानी कहने की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया और इसे सिनेमाई अनुभव का मूल बताया। उन्होंने कहा कि

तेजी से विकसित हो रही फिल्म दुनिया में, कहानी कहने की कला को संरक्षित करना पहले से कही ज्यादा आवश्यक है। नई कहानियां ही सिनेमा को प्रभावशाली बनाती हैं। फिल्म महोत्सव में युवाओं को प्राथमिकता दे कर कहानी कहने की शाश्वत कला को पहचानना गया है, यह महोत्सव की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

सीबीएफसी के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने कहा कि भारत कहानियों में और इसे गढ़ने वाले कहानीकारों के मामले में काफी समृद्ध है। उन्होंने ऐसी प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने, उन्हें वैश्विक मोर्चे पर लाने में आईएफएफआई की भूमिका पर प्रकाश डाला और आईएफएफआई2024 की थीम को दोहराया। क्रिएटिव माइंड्स ऑफ़ टुमॉरो के माध्यम से इन उभरती आवाज़ों के पोषण और समर्थन में मंत्रालय के प्रयासों की सराहना करते हुए जोशी ने कहा, जो अनसुना रह गया है उसे दुनिया के साथ साझा किया जाना चाहिए।

आईएफएफआई में 101 देशों ने दिखाई रुचि

इस साल के आईएफएफआई को 101 देशों से 1,676 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जो इस महोत्सव की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा का प्रमाण है। महोत्सव में 81 देशों की 180 से अधिक अंतरराष्ट्रीय फिल्में प्रस्तुत की जाएंगी, जिनमें 15 विश्व प्रीमियर, 3 अंतरराष्ट्रीय प्रीमियर, 40 एशियाई प्रीमियर और 106 भारतीय प्रीमियर शामिल हैं। ऑस्ट्रेलिया महोत्सव के लिए फोकस देश होगा।

मुख्य आकर्षणों में फेस्टिवल और फिल्म बाजार में अग्रणी ऑस्ट्रेलियाई फिल्म निर्माताओं की भागीदारी के लिए स्क्रीन ऑस्ट्रेलिया और एनएफडीसी के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) और ऑस्ट्रेलिया के अद्वितीय फिल्मांकन स्थानों और सह-उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए ऑसफिल्म द्वारा एक शोकेस शामिल है।

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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी

   

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