आईआईआईएम ने अपना 84वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया

जम्मू, 1 दिसंबर (हि.स.)। सीएसआईआर-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटिव मेडिसिन, जम्मू ने रविवार को यहां अपना 84वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया। देश का एक प्रमुख शोध संस्थान और भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद की एक घटक प्रयोगशाला सीएसआईआर-आईआईआईएम की स्थापना स्वतंत्रता से पूर्व भारत में तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य की औषधि अनुसंधान प्रयोगशाला के रूप में सर राम नाथ चोपड़ा द्वारा की गई थी। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में वैज्ञानिक एवं नवीन अनुसंधान अकादमी (एसीएसआईआर), गाजियाबाद के निदेशक और जम्मू विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. मनोज कुमार धर उपस्थित थे और उन्होंने अगली पीढ़ी के विज्ञान नेताओं के निर्माण के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण विषय पर स्थापना दिवस व्याख्यान दिया जिसमें उन्होंने उभरते युवा विज्ञान नेताओं के लिए उपलब्ध विभिन्न अवसरों के साथ-साथ विकसित भारत 2047 के नेता बनने के लिए चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रशिक्षण और मार्गदर्शन की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

इस अवसर पर सेंटर फॉर एरोमेटिक प्लांट्स, देहरादून के निदेशक डॉ. निरपेंद्र चौहान सम्मानित अतिथि थे और उन्होंने श्रोताओं को संबोधित किया। उन्होंने एमएपी की खेती की उन्नति और दोनों संस्थानों के बीच सहयोग के अवसरों पर चर्चा की। इससे पहले सीएसआईआर-आईआईआईएम के निदेशक डॉ. ज़बीर अहमद ने मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि और अन्य का स्वागत किया और अपने स्थापना दिवस संबोधन में संस्थान के पूर्व निदेशकों को सीएसआईआर-आईआईआईएम के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान के लिए श्रद्धांजलि दी। उन्होंने संस्थान के विभिन्न शोध और सामाजिक गतिविधियों में वैज्ञानिक, तकनीकी और प्रशासनिक कर्मचारियों के साथ-साथ शोध विद्वानों, परियोजना छात्रों और संविदा कर्मचारियों के योगदान की भी सराहना की। उन्होंने पहले की तुलना में संस्थान के पेटेंट आउटपुट में वृद्धि की सराहना की और एसएंडटी कर्मचारियों को इस प्रवृत्ति को जारी रखने की सलाह दी।

हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा

   

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