आईआईटी रुड़की ने ध्वज संप्रेषण कार्यक्रम आयोजित किया

आईआईटी रुड़की में ध्वजा संप्रेषण कार्यक्रम

हरिद्वार, 15 जनवरी (हि.स.)। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रुड़की ने देश के विभिन्न क्षेत्रों के युवाओं के बीच अंतर-सांस्कृतिक समझ को बढ़ावा देने के लिए एक भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम के तहत युवा संगम चरण 5 के ध्वज संप्रेषण की मेजबानी की। दीप प्रज्ज्वलन और कुलगीत के बाद नोडल अधिकारी प्रो. एम.वी. सुनील कृष्ण ने युवा संगम पहल का अवलोकन प्रस्तुत किया, जिसमें एकता और राष्ट्रीय एकीकरण को बढ़ावा देने में इसकी भूमिका पर प्रकाश डाला गया।

छात्र कल्याण कुलशासक प्रो. बरजीव त्यागी ने कहा कि युवा संगम छात्रों को अपने साथियों से जुड़ने, विविधता को अपनाने और पूरे देश में बंधनों को मजबूत करने के लिए एक अनूठा मंच प्रदान करता है। यह वास्तव में विविधता में एकता की भावना का प्रतिनिधित्व करता है।

आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. के.के. पंत ने सांस्कृतिक आदान-प्रदान एवं युवा सशक्तिकरण के माध्यम से राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला और प्रतिभागियों से झारखंड में उत्तराखंड की समृद्ध परंपराओं एवं विरासत को प्रदर्शित करके सांस्कृतिक राजदूत के रूप में काम करने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा कि आईआईटी रुड़की में हमें ऐसे नेताओं को आकार देने में भूमिका निभाने पर गर्व है जो न केवल तकनीकी रूप से कुशल हैं बल्कि सामाजिक रूप से भी जिम्मेदार हैं। प्रोफेसर पंत ने युवा संगम के प्रतिभागियों से झारखंड में उत्तराखंड की संस्कृति एवं परंपराओं को प्रदर्शित करने पर जोर दिया।

कार्यक्रम का समापन सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और धन्यवाद के साथ हुआ, तत्पश्चात राष्ट्रगान हुआ। युवा संगम भारत के युवाओं में सांस्कृतिक एकीकरण को बढ़ावा देने और एकता की भावना को पोषित करने का एक माध्यम बना हुआ है।

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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

   

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