गैस सिलेंडर चाहिए तो डिलीवरी बॉय को देना होगा ओटीपी

रामगढ़, 26 सितंबर (हि.स.)। गैस सिलेंडर चाहिए तो अब डिलीवरी बॉय को ओटीपी देना अनिवार्य हो गया है। यदि आप ओटीपी नहीं देते हैं तो आपके घर का चूल्हा नहीं जलेगा। सरकार ने घरेलू गैस सिलेंडर के वितरण को लेकर एक बड़ा परिवर्तन किया है। इसमें शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक के जितने भी गैस सिलेंडर के ग्राहक हैं, उसे इसके नियम का पालन करना होगा।

बताया गया है कि यदि आपका मोबाइल नंबर आपके कंपनी के साथ रजिस्टर्ड नहीं है, तो आपको गैस सिलेंडर मिल पाना मुश्किल है। हिंदुस्तान पैट्रोलियम, भारत पेट्रोलियम और आइओसीएल कंपनियों के ग्राहकों को भी इसके लिए पहले से ही सतर्क किया गया था लेकिन हालात यह है कि ऐसे सैकड़ो ग्राहक हैं, जिनका मोबाइल नंबर गैस सिलेंडर की कंपनी के साथ रजिस्टर्ड नहीं है। कुछ ऐसे ग्राहक भी हैं, जिनके गैस सिलेंडर के कनेक्शन में नंबर किसी और व्यक्ति का दिया गया है। कुछ ऐसे परिवार भी हैं जहां मोबाइल नंबर धारक किसी दूसरे जिले या प्रदेश में निवास कर रहा है और समय पर ओटीपी नहीं मिलने की वजह से उनका गैस सिलेंडर वापस एजेंसी में चला जा रहा है।

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत रामगढ़ जिले में हजारों लोगों को गैस कनेक्शन उपलब्ध कराया गया था लेकिन अब उन लाभुकों के सामने मोबाइल नंबर एक भारी संकट बनकर सामने आ गया है। कई ऐसे कनेक्शन धारक हैं, जिनके पास मोबाइल घर में मौजूद नहीं रहता है। जब डिलीवरी बॉय गैस सिलेंडर लेकर उनके दरवाजे पर पहुंचता है और ओटीपी नहीं मिलता है तो उन्हें सिलेंडर की डिलीवरी भी नहीं मिल पाती है।

गैस सिलेंडर को लेकर आम नागरिकों में उत्पन्न हुई समस्या को लेकर कंपनी के पदाधिकारियों ने अलग रास्ता निकला है। हिंदुस्तान पैट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड, हिंदुस्तान पैट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड और आइओसीएल ने गाइडलाइन में यह बताया है कि जिस ग्राहक के घर में ओटीपी के लिए मोबाइल नंबर मौजूद नहीं होगा तो डिलीवरी बॉय वहां मौजूद मोबाइल नंबर को सेव कर उस पर ओटीपी भेज सकता है। आम नागरिकों को इसमें परेशानी ना हो इसके लिए डिलीवरी बॉय को भी पहले से ही प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

कंपनी के पदाधिकारियों के अनुसार कई महीने पहले से ही गैस सिलेंडर की बुकिंग के दौरान ओटीपी कंपनी के द्वारा भेजा जा रहा था लेकिन वह ओटीपी देना अनिवार्य नहीं था। इसकी वजह से गैस सिलेंडर की कालाबाजारी होने की भी संभावना रहती थी। इस कालाबाजारी को खत्म करने के उद्देश्य से ही ओटीपी को अब अनिवार्य कर दिया गया है।

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हिन्दुस्थान समाचार / अमितेश प्रकाश

   

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