बिमस्टेक आर्थिक समृद्धि, सुरक्षा एवं स्थायी विकास का सामूहिक विजनः डॉ. मांडविया
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- Feb 08, 2025
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-मुख्यमंत्री ने गांधीनगर में सर्वप्रथम ‘बिमस्टेक यूथ समिट’ का उद्घाटन किया
-11 फरवरी तक चलने वाली समिट में 7 सदस्य देशों की युवा प्रतिभा शामिल होंगी
गांधीनगर, 8 फ़रवरी (हि.स.)। केन्द्रीय खेलकूद एवं युवा कार्यक्रमों के मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया की मौजूदगी में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने शनिवार को गांधीनगर स्थित महात्मा मंदिर में ‘बिमस्टेक यूथ समिट’ का उद्घाटन किया। ‘बे ऑफ बंगाल इनीशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टरल एंड इकोनॉमिक को-ऑपरेशन (बिमस्टेक)’ राष्ट्रों के युवाओं की यह पाँच दिवसीय समिट आयोजित की गई है जो 11 फरवरी तक चलेगी।
इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि बिमस्टेक केवल क्षेत्रीय समूह ही नहीं बल्कि आर्थिक समृद्धि, सुरक्षा एवं स्थायी विकास के लिए एक संयुक्त-सामूहिक विजन है। यह शिखर सम्मेलन समग्र बिमस्टेक देशों में युवा मानस को सशक्त बनाने की दिशा में एक कदम है। सहयोग को प्रोत्साहन देना, अनुभवों का आदान-प्रदान करना तथा समग्र प्रदेश में युवाओं की अगुवाई में विकास को गति देना इस समिट का मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2036 के ओलंपिक खेलों के लिए भारत की दावेदारी बिमस्टेक स्पोर्टिंग इकोसिस्टम को अधिक सुदृढ़ करेगी, वैश्विक स्तर पर निवेश आकर्षित करेगी, प्रशिक्षण सुविधाओं में वृद्धि करेगी तथा अंतरराष्ट्रीय खेल-कूद भागीदारी को प्रोत्साहित करेगी।
उन्होंने कहा कि पिछले दशक में भारत ने आर्थिक विकास में उल्लेखनीय प्रगति की है। भारत ‘फ्रेजिल फाइव’ अर्थव्यवस्थाओं में एक बनने के कारण विश्व की शीर्षस्थ पाँच अर्थव्यवस्थाओं में एक बनने की ओर विकसित हुआ है। वर्ष 2030 तक 7 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था तथा 2047 तक 40 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर हमारी नजर है। ऐसे में भारत की विकास गाथा हमारे युवाओं की आकांक्षाओं, कौशल्य तथा नवीनता से प्रेरित है। डॉ. मांडविया ने कहा कि भारत वैश्विक स्तर पर सबसे युवा जनसंख्या वाला देश है, जिसकी औसत आयु 28 वर्ष है तथा 35 वर्ष से कम आयु की जनसंख्या 65 प्रतिशत से अधिक है। उसी प्रकार बिमस्टेक देशों की सामूहिक रूप से 60 प्रतिशत आबादी 35 वर्ष से कम आयु वालों की है, जिससे सामूहिक वृद्धि तथा विकास के लिए अवसर प्रस्तुत होता है।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि बिमस्टेक सदस्य देशों की युवाशक्ति का योगदान ‘सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स 2030’ को प्रेरित करने के सामूहिक विचार मंथन के लिए यह समिट आयोजित की गई है। वैक्सीन मैत्री अभियान, तुर्किये में ऑपरेशन दोस्त तथा यूक्रेन में ऑपरेशन गंगा का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे उदाहरण वैश्विक स्तर पर भारत की ‘सबका साथ-सबका विकास’ की प्रतिबद्धता दर्शाते हैं। भारत ने हमेशा अपने नागरिकों की सुरक्षा के साथ अन्य देशों के नागरिकों की भी मदद की है। उन्होंने कहा कि विश्वबंधु के रूप में भारत की यही प्रतिबद्धता बिमस्टेक की व्यापकता एवं सक्रियता में देखने को मिल रही है।
इस समारोह में विदेश मंत्रालय के सचिव (पूर्व) जयदीप मजूमदार ने प्रथम ‘बिमस्टेक यूथ समिट’ के उद्देश्य, आवश्यकता व महत्व की विस्तार से पृष्ठभूमि दी। उन्होंने समिट में सहभागी हो रहे भारत, बांग्लादेश, भूटान, म्यानमार, नेपाल, श्रीलंका एवं थाईलैंड के प्रतिनिधियों का परिचय भी दिया। कार्यक्रम के आरंभ में सीआईआई के पूर्व राष्ट्रीय चेयर विशाल अगरवाला ने स्वागत किया, तो अंत में भारत सरकार के युवा एवं खेल-कूद मामलों के संयुक्त सचिव नीतीश कुमार मिश्रा ने आभार जताया। इस कार्यक्रम में भारत सरकार व गुजरात सरकार के अधिकारी, बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका तथा थाईलैंड के युवा प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में छात्र उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / बिनोद पाण्डेय