ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन की बांध परियोजना पर भारत ने जताई चिंता
- Admin Admin
- Jan 03, 2025
नई दिल्ली, 3 जनवरी (हि.स.)। भारत ने चीन की ओर से ब्रह्मपुत्र नदी के ऊपरी हिस्से में जल विद्युत परियोजना से जुड़े बांध बनाने के प्रस्ताव पर चिंता व्यक्त की है तथा अक्साई चिन में नई प्रशासनिक इकाई बनाए जाने पर सख्त विरोध दर्ज कराया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को पत्रकार वार्ता में कहा कि विदेश मंत्रालय ने चीन के स्वायत्त तिब्बती क्षेत्र में ब्रह्मपुत्र नदी पर बांध बनाए जाने की रिपोर्ट पर गौर किया है। नदी के निकले क्षेत्र के देश के रूप में जल उपयोग के बारे में भारत के निश्चित अधिकार हैं। जिन्हें हमने राजनीतिक और विशेषज्ञ स्तर पर बार-बार उठाया है। हमने चीन को अपने विचार और चिताओं से अवगत कराया है।
प्रवक्ता ने कहा कि इस परियोजना के संबंध में पारदर्शिता बरती जानी चाहिए तथा नदी के निचले इलाकों के प्रवाह मार्ग वाले देशों के साथ विचार विमर्श किया जाना चाहिए। भारत ने चीन से आग्रह किया है कि वह ब्रह्मपुत्र के निचले इलाके में आने वाले देश के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करे तथा ऊपरी भाग पर ऐसी गतिविधि से परहेज करे जिससे नदी का प्रवाह प्रभावित होता हो। प्रवक्ता ने कहा कि हम स्थिति पर निगरानी रखे हुए हैं तथा अपने हितों की सुरक्षा के लिए आवश्यक उपाय करेंगे।
वहीं विदेश मंत्रालय ने लद्दाख में अधिकृत अक्साई चिन क्षेत्र में प्रशासनिक इकाइयों के गठन पर तीव्र आपत्ति व्यक्त की है। प्रवक्ता ने कहा कि हमने चीन के होटन प्रान्त में दो नए काउंटी की स्थापना से संबंधित घोषणा देखी है। इन तथाकथित काउंटी के अधिकार क्षेत्र के कुछ हिस्से भारत के केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में आते हैं। हमने इस क्षेत्र में भारतीय क्षेत्र पर अवैध चीनी कब्जे को कभी स्वीकार नहीं किया है। नए काउंटी के निर्माण से न तो क्षेत्र पर हमारी संप्रभुता के बारे में भारत की दीर्घकालिक और सुसंगत स्थिति पर कोई असर पड़ेगा और न ही चीन के अवैध और जबरन कब्जे को वैधता मिलेगी। हमने कूटनीतिक चैनलों के माध्यम से चीनी पक्ष के समक्ष गंभीर विरोध दर्ज कराया है।
--------------
हिन्दुस्थान समाचार / अनूप शर्मा