संवेदनशील क्षेत्रों में रहने वाले भारतीय नागरिकों को मिलेंगे हथियार के लाइसेंस

गुवाहाटी, 06 अगस्त (हि.स.)। असम राज्य के सीमावर्ती संवेदनशील इलाकों में रहने वाले खिलंजिया (स्थानीय) लोगों को लाइसेंसी हथियार रखने को लेकर पूर्व में की गई घोषणा के संबंध में बुधवार मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने कुछ दिशा-निर्देश सार्वजनिक किये हैं।

मुख्यमंत्री ने बुधवार काे सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए कहा कि असम के मुख्य निवासी या स्वदेशी भारतीय नागरिकों, खासकर जो अपनी जान के जोखिम में हैं, को हथियारों के लाइसेंस के लिए आवेदन करने के लिए एक विशेष पोर्टल लॉन्च होने वाला है। जिसके तहत उचित निरीक्षण व बहुस्तरीय प्रक्रिया पूरी होने के बाद पात्र व्यक्तियों को शस्त्र लाइसेंस दिया जाएगा।

उन्होंने कहा है कि समर्पित पोर्टल के जरिए स्वदेशी लोग, जो अपने जीवन के लिए खतरा महसूस करते हैं और संवेदनशील क्षेत्रों में रहते हैं, आर्म्स लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकते हैं। उचित जांच और एक बहुस्तरीय प्रक्रिया के बाद, व्यक्तियों को शस्त्र लाइसेंस दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने लाइसेंस के लिए कुछ जरूरी दिशा-निर्देश का जिक्र किया है, जिसके तहत खिलंजिया (स्थानीय) लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर विशेष अस्त्र अनुज्ञापत्र प्रदान योजना राज्य सरकार ने शुरू की है। इस योजना को पाने के ऐसे योग्य व्यक्तियों को शामिल किया गया है जो असम के मूल निवासी या स्थानीय भारतीय नागरिक हैं। राज्य में रहने वाले वे व्यक्ति जिन्हें अपने जीवन की सुरक्षा को लेकर भय बना रहता है। साथ ही जिला प्रशासन या स्वीकृत सुरक्षा संस्था द्वारा किये गये मूल्यांकन के तहत संवेदनशील या दुर्गम इलाकों में निवास करने वाले स्थानीय नागरिक हैं।

हथियार के लाइसेंस पाने के लिए कुछ प्रक्रियाओं का पालन करना होगा, जिसमें सुरक्षा का मूल्यांकन, जांच और सत्यता का निरीक्षण, वर्तमान कानून के साथ सामंजस्य बनाए रखना, अहस्तांतरण योग्य एवं समय के साथ विचार करना तथा जांच एवं रिपोर्ट शामिल हैं।

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियों ने मुख्यमंत्री के इस कदम की कड़ी आलोचना की थी। खासकर एआईयूडीएफ ने इसे अल्पसंख्यकों के लिए खतरा बताया था।---------------------------

हिन्दुस्थान समाचार / अरविन्द राय

   

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