विश्व एड्स दिवस पर शहरभर में हुए जागरूकता कार्यक्रम : बचाव ही उपाय, समझाया

जोधपुर, 01 दिसम्बर (हि.स.)। शहर में सोमवार को विश्व एड्स दिवस के अवसर पर कई स्थानों पर कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। इसमें एड्स से बचाव की जानकारी दी गई।

मथुरादास माथुर अस्पताल में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के संयुक्त तत्वावधान में एक जागरूकता सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जिला एवं सत्र न्यायाधीश पूरण शर्मा ने शिरकत की। मुख्य अतिथि ने एड्स के प्रति रोकथाम और जागरूकता पर जोर देते हुए कहा कि समाज में लगातार जागरूकता और उन्नत चिकित्सा सेवाओं के संयुक्त प्रयास से इस बीमारी से बचाव संभव है। उन्होंने कहा कि जनता को सही जानकारी और समय पर इलाज उपलब्ध कराना सबसे प्रभावी उपाय है।

सेमिनार में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव रमेश रामावत ने एड्स के प्रति जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ इससे प्रभावित लोगों के अधिकारों और हितों की रक्षा पर बल दिया। एमडीएम अस्पताल के अधीक्षक डॉ. विकास राजपुरोहित ने राज्य सरकार की ओर से एड्स रोगियों के लिए चल रही योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि चिकित्सकों के साथ समाज के सभी वर्गों का सहयोग बेहद आवश्यक है। उन्होंने बताया कि एमडीएम अस्पताल में एड्स की रोकथाम, जागरूकता और बेहतर उपचार उपलब्ध कराने के लिए प्रधानाचार्य डॉ बीएस जोधा के नेतृत्व में निरंतर प्रयास किए जा रहे है। कार्यक्रम का संचालन डॉ. स्मिता जैमन ने किया।

सेमिनार में डॉ. गार्गी, डॉ. नदीम, डॉ. धीरज, डॉ. रेखा जाखड़ ने एड्स विषय पर अपने महत्वपूर्ण विचार साझा किए। कार्यक्रम में एमडीएम अस्पताल के उप अधीक्षक डॉ. संदीप अरोड़ा, डॉ. दीपक टाक, डॉ. करनीप्रताप सिंह, अस्पताल के नर्सिंगकर्मी तथा अन्य स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे।

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन् राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर (वैद्य) गोविन्द सहाय शुक्ल की प्रेरणा से यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ़ होम्योपैथी जोधपुर के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग एवं पैथोलॉजी विभाग द्वारा सोमवार को विश्व एड्स जागरूकता दिवस का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रोग एवं विकृति विज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर गोविन्द प्रसाद गुप्ता उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि एड्स से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका जागरूकता है।

एचआईवी संक्रमित लोगों के साथ भेदभाव न करना हम सभी की जिम्मेदारी है। साथ ही उन्होंने संक्रमण के कारण, रोकथाम के उपाय और समय पर जांच के महत्व के बारे में जानकारी दी। जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत द्वितीय, तृतीय और चतुर्थ वर्ष के बीएचएमएस छात्र-छात्राओं द्वारा एक नाट्य प्रस्तुत किया गया एवं छात्र-छात्राओं के मध्य डिबेट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता का संचालन डॉ. सपना सालोदिया द्वारा किया गया।

इस अवसर पर प्रतियोगिता के निर्णायक सदस्य, प्रोफेसर (डॉ.) गोविन्द प्रसाद गुप्ता, प्रोफेसर (डॉ.) गौरव नागर, प्रो. (डॉ.) साकेत कुमार सिंह एवं प्रो. (डॉ.) राजेश कुमार कुमावत रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अंकिता आचार्य, डॉ. प्रियंका कपूर एवं डॉ. राकेश कुमार मीना द्वारा किया गया।

हिन्दुस्थान समाचार / सतीश

   

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