कुशीनगर, 10 नवंबर (हि.स.)।म्यांमार मूल के प्रमुख बौद्ध भिक्षु व कुशीनगर भिक्षु संघ के अध्यक्ष अग्महापंडित भदंत ज्ञानेश्वर महाथेरो के 89 वें जन्मदिवस पर कुशीनगर पहुंचे भारत में म्यांमार के राजदूत उ जो ऊ ने कहा कि भारत व म्यांमार स्वाभाविक मित्र देश हैं। बौद्ध भिक्षु ज्ञानेश्वर दोनों देशों की मित्रता को और प्रगाढ़ करने का कार्य कर रहे हैं।
राजदूत ने कहा कि भारत के संविधान निर्माता डॉ. भीम राव अम्बेडकर के गुरु भाई बौद्ध भिक्षु के जन्मदिन पर कुशीनगर आने का निमंत्रण मिलना मेरे लिए गौरव की बात है। राजदूत ने भिक्षु के उज्ज्वल भविष्य , दीर्घ और निरोग जीवन की कामना की और इस निमित्त आयोजित विशेष पूजा में भाग लिया। उन्होंने महापरिनिर्वाण मंदिर में स्थित तथागत की लेटी प्रतिमा पर विशेष पूजा व कठिन चीवरदान में भी भाग लिया। इसके पूर्व प्रभात फेरी निकाली गई। जो बुद्ध मार्ग होते हुए एनएच तिराहे तक पहुंची और पुनः म्यांमार बुद्ध विहार में वापस आकर सभा में बदल गई। म्यांमार बौद्ध विहार स्थित ऐतिहासिक शाल वृक्ष पर जलदान किया गया। देश- विदेश से आए बौद्ध भिक्षुओं एवं स्थानीय गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में जन्मदिवस का केक काटा गया। संचालन टीके राय ने किया। इस अवसर पर भिक्षु डॉ. नन्द रतन, भंते नंदिका,भंते अशोक, कुन्चुक लामा, प्राचार्य विनोद मोहन मिश्र, प्रबंध सचिव वीरेंद्र सिंह अहलुवालिया, सभासद केशव सिंह, रामआधार यादव, भिक्षुणि धम्म नैना, दिनेश यादव, राम नगीना आदि उपस्थित रहे।
चंद्रमणि पाली भवन का हुआ लोकार्पण:बुद्ध पीजी कॉलेज में भदंत ज्ञानेश्वर के सौजन्य से नव निर्मित भिक्षु चन्द्रमणि पालि भवन का लोकार्पण म्यांमार के राजदूत उ जो ऊ ने किया। अध्यक्षता करते हुए भदंत ज्ञानेश्वर ने कहा कि कॉलेज में पालि समेत कई विदेशी भाषाओं की पढ़ाई होगी। चरणबद्ध तरीके से इस कार्य को आगे बढ़ाया जाएगा। आने वाले दिनों में विदेशी छात्र भी यहां अध्ययन के लिए आयेंगे।
हिन्दुस्थान समाचार / गोपाल गुप्ता