राजनीतिक दलों के साथ अधिक सहयोग और पारदर्शिता से काम करने के निर्देश

जयपुर, 12 मार्च (हि.स.)। मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने निर्वाचन प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए जिला निर्वाचन अधिकारियों (कलेक्टर) और अन्य सम्बद्ध अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं। उन्होंने राजनीतिक दलों के साथ समन्वय बढ़ाने, मतदाता सूचियों के नियमित अद्यतन करने और चुनाव संबंधी फेक न्यूज़ व भ्रामक सूचनाओं पर सख्ती से रोक लगाने के निर्देश दिए हैं।

महाजन ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ) और निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों (ईआरओ) को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग चुनाव से संबंधित मामलों में राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों के साथ बेहतर समन्वय, सहयोग और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी के तहत, आयोग ने हाल ही में राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेताओं को पत्र लिखकर 31 मार्च तक सुझाव मांगे हैं।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने निर्देश दिए कि जिला स्तर पर भी राजनीतिक दलों से समन्वय रखते हुए उनके सुझावों पर कानूनी दायरे में कार्यवाही की जाए। साथ ही, मतदान केंद्र स्तर तक बूथ लेवल एजेंट्स (बीएलए) के नामांकन को सुनिश्चित करने और उनकी सक्रिय भागीदारी पर जोर दिया गया।

महाजन ने कहा कि सभी जिलों में निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को 20 मार्च तक राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर सुझाव लेने चाहिए। इसके बाद, 25 मार्च तक जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ) स्तर पर विमर्श बैठक कर प्राप्त सुझावों को विभाग मुख्यालय तक भेजा जाए।

उन्होंने मतदाता सूचियों के अद्यतन कार्य को प्राथमिकता देने के निर्देश देते हुए कहा कि 21 मार्च तक नाम जोड़ने, हटाने और संशोधन से जुड़े सभी लंबित आवेदनों का निपटारा कर लिया जाए। निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि 21 मार्च के बाद कोई आवेदन लंबित नहीं रहना चाहिए। महाजन ने मतदाता लिंगानुपात (जेंडर रेश्यो) और मतदाता-जनसंख्या अनुपात (ईपी रेश्यो) में सुधार लाने पर भी विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने बताया कि विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (एसएसआर)-2025 के दौरान राजस्थान द्वारा जेंडर रेश्यो और ईपी रेश्यो बढ़ाने के प्रयासों की आयोग ने सराहना की है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने चुनाव प्रक्रिया से जुड़ी भ्रामक और गलत जानकारियों के प्रसार को रोकने के लिए अधिकारियों को अधिक सतर्क और सक्रिय रहने के निर्देश दिए। इसके लिए सभी जिलों में जिला स्तरीय मीडिया सर्टिफिकेशन और मॉनिटरिंग समितियों (डीएमसीएमसी) का पुनर्गठन किया गया है।

महाजन ने कहा कि ये समितियां प्रिंट मीडिया, समाचार चैनलों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारित हो रही फेक न्यूज़ और गलत जानकारियों की निगरानी करेंगी। संदिग्ध सूचना के प्रकाशन या प्रसारण की स्थिति में, संबंधित अधिकारी तुरंत निर्वाचन विभाग की निगरानी एवं क्रियान्वयन समिति को सूचित करें और सही तथ्यों के साथ एक आधिकारिक बयान जारी कर मीडिया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा करें।

उन्होंने निर्देश दिया कि किसी भी संदिग्ध सूचना के खिलाफ की गई कार्यवाही की रिपोर्ट निर्वाचन विभाग के मुख्यालय को भेजी जाए ताकि समय पर निर्वाचन आयोग को सूचित किया जा सके।

इस वीडियो कांफ्रेंस में सभी जिला कलेक्टर, ईआरओ और अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित

   

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