पंचायत का रिकॉर्ड नहीं मिलने पर ग्राम सेवक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश

कोटा, 26 जनवरी (हि.स.)। शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने रविवार काे पंचायत समिति लाडपुरा की तीन ग्राम पंचायताें का औचक निरीक्षण किया।

दिलावर गणतंत्र दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि ध्वजारोहण करने के बाद एट होम कार्यक्रम में शामिल होने के बाद सर्किट हाउस से एसडीएम लाडपुरा गजेंद्र सिंह तथा बीडीओ शैलेश रंजन को साथ लेकर निकल पड़े।

ग्रामीण क्षेत्र में मंत्री का काफिला सबसे पहले तीरथ ग्राम पंचायत पहुंचा। तहसील में पंचायत कार्यालय पर गंदगी के ढेर देखकर मंत्री ने ग्राम विकास अधिकारी ज्योति से सवाल किए। इसके बाद मंत्री ने ग्राम पंचायत कार्यालय का निरीक्षण किया।

ग्रामसभा की जानकारी लेने पर पता चला कि केवल खानापूर्ति की गई है। ग्राम सभा की ग्रामीणों को सूचना नहीं दी। पंचायत का कार्यवाही रजिस्टर, मूवमेंट रजिस्टर और कैश बुक की भी जांच की गई। मूवमेंट रजिस्टर में कार्यवाही इंद्राज नहीं होने और कार्यवाही रजिस्टर भी अपूर्ण मिला। लोगो के हस्ताक्षर भी रजिस्टर में कार्यवाही की बाई तरफ किए हुए मिले। जबकि हस्ताक्षर कार्यवाही के ठीक नीचे करने होते है।

सफाई का ठेका आठ जनवरी 2025 को होना बताया। लेकिन फर्म ने केवल दाे बार गांव में सफाई की है। इस पर मंत्री ने ठेका फर्म मेसर्स जगदीश को ब्लैकलिस्ट करने और उसका भुगतान रोक कर जमानत राशि जब्त करने तथा जुर्माना लगाने के बीडीओ को निर्देश दिए।

मंत्री ने ग्रामीणाें से प्रधानमंत्री आवास के सर्वे काे लेकर पूछताछ की। गांव के लोगों ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। इस पर मंत्री ने सर्वे तुरंत चालू करने और वंचित लोगों के नाम लिस्ट में जोड़ने के निर्देश दिए। साथ ही, पंचायत की पूरी जांच कर रिपोर्ट भेजने के निर्देश बीडीओ को दिए। साथ ही सरपंच और ग्राम विकास अधिकारी को चेतावनी दी कि 10 दिन का समय दे रहा हूं सफाई नहीं हुई तो सरपंच निर्मला नायक और ग्राम विकास अधिकारी ज्योति दोनों को हटा दूंगा।

इसके बाद मंत्री का काफिला गोदलियाहेड़ी ग्राम पंचायत पहुंचा। पंचायत कार्यालय के परिसर में गंदगी और झाड़ देख कर मंत्री भड़क गए। सरपंच मदन लाल से पूछा कि झंडा रोहण किया या नहीं। इस पर सरपंच ने एक कोने में लगे झंडे को दिखाया। मंत्री ने कहा कि ध्वजारोहण किया या झंडे का अपमान किया है। झंडा गंदे चैंबर के ऊपर लगा रखा है। झंडे के नीचे झाड़ू भी नहीं लगाया है। सजावट करना तो दूर की बात है। शौचालय का निरीक्षण करने पर वो भी गंदा मिला। बदबू के कारण ठहरना भी मुश्किल था। ग्राम विकास अधिकारी बृजमोहन राठौड़ से रिकॉर्ड मांगा तो रिकॉर्ड भी अपूर्ण मिला। ग्रामसभा के नाम पर यहां भी खानापूर्ति मिली। जिस पर मंत्री दिलावर ने बीडीओ को पंचायत की जांच कर तीन दिन में रिपोर्ट देने को कहा।

इसके बाद मंत्री दिलावर का काफिला बनियानी ग्राम पंचायत पहुंचा। पंचायत भवन पर ताला लटका हुआ था। मंत्री के निर्देश पर बीडीओ ने एईएन मनोज कुमार, कनिष्ठ लिपिक हेमंत को फोन कर बुलाया। सरपंच मोईजउद्दीन को फोन किया तो जानकारी मिली कि सरपंच कोटा है।

इस पर मंत्री ने बनियानी गांव का निरीक्षण किया। गांव वालों ने बताया कि सरपंच ने आज तक कभी गांव में सफाई नहीं करवाई। भैरूपुरा नाले के निर्माण का कार्य स्वीकृत हुआ था, परंतु काम बीच में ही बंद हो गया। जबकि 15 लाख रुपए के इस कार्य का पूरा भुगतान उठा लिया गया। धरा खाल का काम भी अधूरा छोड़ दिया और पूरा भुगतान हो गया। इसी प्रकार अस्पताल की पुताई के नाम पर दाे लाख रुपए का भुगतान बिना पुताई हो गया। प्रधान मंत्री आवास में नाम जम्प कर नाम हटा दिए गए। यानी बिना वरीयता का पालन करे सूची में नीचे के लोगो को आवास दिला दिए। ग्रामीणों ने नरेगा के कार्यों में भी अनियमितता और फर्जीवाड़ा करने के मामले बताए। पूछने पर बीडीओ शैलेश रंजन ने बताया कि ग्रामीणों ने जो मामले बताए है उनकी जांच हो चुकी है और कार्यवाही के लिए रिपोर्ट मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पास है। इस पर मंत्री ने निर्देश दिए कि सभी जांच रिपोर्ट मेरे पास भिजवाओ।

इसके बाद मंत्री दिलावर पंचायत कार्यालय में पहुंचे और ग्राम सभा की जानकारी मांगी। एलडीसी हेमंत ने बताया कि सभा हुई थी। उपस्थित ग्रामीणों ने कहा कि झूठ बोल रहे है। आज ग्राम सभा नहीं हुई। इस पर मंत्री ने रजिस्टर मांगा तो ख़ाली पन्ने पर अंगूठा और हस्ताक्षर मिले। इस पर मंत्री दिलावर ने एक एक नाम पढ़कर बोला और पूछा कि बताओ ये लोग गांव के ही है। तो ग्रामीणों ने कहा एक भी नाम इस ग्राम पंचायत का नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि पहला नाम जो रामजस का लिखा है वो सरपंच के ठेकेदार का नाम है। सब नाम फर्जी है। एक-दो नाम तो वहां खेल रहे बच्चों के निकले। इसके बाद मंत्री ने सफाई के लिए पूछा तो एलडीसी ने बताया कि एक जनवरी को ठेका दिया है। फर्म का नाम जय महाकाल है। इस पर मंत्री ने बीडीओ को निर्देश दिए कि इस फर्म का ठेका निरस्त कर दो और इसी दर पर दूसरी फर्म को लगा कर तुरंत सफाई करवाओ।

इसके बाद मंत्री ने कैश रजिस्टर एवं पंचायत के अन्य रजिस्टर लाने को कहा, इस पर बीडीओ ने ग्राम विकास अधिकारी महावीर वैष्णव को फोन किया तो उसने बताया कि रिकॉर्ड कोटा घर पर है। इस पर पंचायती राज मंत्री ने पंचायत कार्यालय सीज कर नियम विरुद्ध दस्तावेज घर ले जाने पर दोषियों के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश बीडीओ शैलेश रंजन को दिए। जब मंत्री पंचायत कार्यालय से बाहर निकलने लगे तो ग्रामीणों ने परिसर में खड़ी कबाड़ एंबुलेंस दिखाई और बताया कि दो साल पहले ये एम्बुलेंस खरीदी गई थी जो कभी यहां से बाहर नहीं निकल सकी। कंडम एंबुलेंस की खरीद की गई। मंत्री दिलावर ने सभी शिकायतों और मामलों की जांच कर शीघ्र रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए।

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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित

   

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