जम्मू-कश्मीर विधानसभा का पहला बजट सत्र हंगामे के बीच संपन्न

3 विपक्षी विधायकों ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ पेश किया अविश्वास प्रस्ताव


जम्मू, 9 अप्रैल । जम्मू-कश्मीर विधानसभा का पहला बजट सत्र हंगामे के बीच संपन्न हुआ क्योंकि स्पीकर ए.आर. राथर ने बुधवार को सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला सदन में नहीं थे। वह सदन के स्थगित होने के आधे घंटे बाद पहुंचे। आज बजट सत्र का आखिरी दिन था जो 3 मार्च को शुरू हुआ था।

इससे पहले जब सदन की कार्यवाही पहले स्थगन के बाद दोपहर 1.10 बजे दोबारा शुरू हुई तो स्पीकर राथर ने पिछले तीन दिनों से सदन में व्याप्त अव्यवस्था का जिक्र करते हुए दोहराया कि उन्होंने वक्फ संशोधन अधिनियम पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है क्योंकि नियम उन्हें इसकी अनुमति नहीं देते। उन्होंने कहा कि सदन में बहुमत इस अधिनियम पर अपनी चिंता साझा करना चाहता था लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। उन्होंने एक बार फिर प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियम के नियम 58 के उपनियम 7 और 9 का हवाला दिया।

आप विधायक मेहराज मलिक ने व्यवस्था का मुद्दा उठाने की कोशिश की लेकिन उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी गई। एनसी के मीर सैफुल्लाह ने राथर को बीच में टोकते हुए खड़े होकर कहा कि वह नियमों की व्याख्या करते हुए उनके स्थगन प्रस्ताव को अस्वीकार करते हैं जिससे वह सहमत नहीं हैं। भाजपा के सदस्य भी उनके विरोध में खड़े हो गए जिससे सदन में हंगामा मच गया। राथर ने उनसे बैठने के लिए कहा लेकिन वह नहीं माने। इसके बाद राथर ने अपना पारंपरिक धन्यवाद ज्ञापन देना शुरू किया जिससे एनसी विधायकों ने विरोध शुरू कर दिया। लगातार हो रहे हंगामे के बीच स्पीकर ने सदन की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी।

   

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