महाकुंभ से लौटे जगद्गुरु महंत बालक दास का काशी में पुष्पवर्षा के बीच स्वागत

—जगद्गुरु ने समावेशी भारत अभियान का किया शुभारम्भ,बनाएंगे धर्म कैबिनेट, सभी देशों को मिलेगा प्रतिनिधित्व

वाराणसी,04 फरवरी (हि.स.)। प्रयागराज महाकुंभ में जगदगुरू घोषित होने के बाद मंगलवार को काशी पहुंचे पातालपुरी मठ के पीठाधीश्वर बालक दास का पुष्पवर्षा के बीच स्वागत किया गया। लमही स्थित सुभाष भवन में महंत बालक दास का वनवासी समाज के बच्चों ने तीर धनुष और महिलाओं ने हाथों में राम ध्वजा लेकर अगवानी की। यहीं,मुस्लिम महिलाओं ने आरती कर स्वागत किया। इसके बाद महंत बालक दास ने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर आरती की। बाल आजाद हिन्द बटालियन की सेनापति दक्षिता भारतवंशी के नेतृत्व में जगद्गुरु को सलामी दी गयी। रामपंथ के रामाचार्य ज्ञान प्रकाश ने जगद्गुरु के सम्मान में प्रशस्ति पत्र पढ़ा।

इस अवसर पर बालक दास ने कहा कि ऊंच नीच के भेदभाव से ग्रसित लोग सनातन संस्कृति को नहीं समझ सकते। यह सांस्कृतिक पुनर्जागरण का काल है। कोई मजहब, जाति और लिंग को भेद का आधार न बनाए। केवल स्त्री रक्षा के लिए रामायण हुआ। भारत की महान संस्कृति को बचाने के लिए छुआछूत, भेदभाव मिटाना होगा। हम शीघ्र ही धर्म कैबिनेट बनाएंगे, जिसमें दुनियां भर के लोग शामिल किए जाएंगे। हमारे कैबिनेट में मुसलमानों, महिलाओं, दलितों, वनवासियों को कैबिनेट में शामिल किया जाएगा। इस अवसर पर बालक दास ने समावेशी भारत अभियान का शुभारंभ किया। इस दौरान विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ० राजीव ने कहा कि भारतीय संस्कृति समावेशी है। किसी को किसी भी तरह से संस्कृति से न अलग किया जा सकता है और न उनको अस्वीकार किया जा सकता है। जिन वजहों से हम एक हो सकते हैं, उनको इतिहास की किताबों से निकालकर लाना होगा और सबको एक सूत्र में बांधना ही सनातन संस्कृति का मूल उद्देश्य है। कार्यक्रम का संचालन डॉ० अर्चना भारतवंशी ने किया। इस अवसर पर डॉ० मृदुला जायसवाल, नाज़नीन अंसारी, डॉ० नजमा परवीन, आभा भारतवंशी, खुर्शीदा बानो, नगीना बेगम, हफ़िजुननिशा, गुलशन खातून, इरमसबा, शंकर पाण्डेय, मयंक श्रीवास्तव, सत्यम राय, सौरभ पाण्डेय, सत्यम सिंह, सुधीर सिंह आदि की उपस्थिति रही।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी

   

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