उत्तर भारत में सबसे ज्यादा डायवर्जन जयपुर एयरपोर्ट पर

जयपुर, 12 अप्रैल (हि.स.)। उत्तर भारत में विमानों का सबसे ज्यादा डायवर्जन जयपुर एयरपोर्ट हो रहा है। इसकी वजह यह है कि इस एयरपोर्ट पर अत्यधिक विकसित तकनीकी उपकरणों से लैस रनवे होने के चलते हर तरह के विमान की लैंडिंग संभव हो पाती है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार 11 अप्रेल की शाम को जब दिल्ली एयरपोर्ट पर खराब मौसम के चलते लिपजिग, जर्मनी से आ रही कार्गो फ्लाइट को लैंडिंग की अनुमति नहीं मिली तो इसे जयपुर एयरपोर्ट का ऑप्शन दिया गया। चूंकि यह कार्गो फ्लाइट एयरबस 330 जैसे बड़े विमान के जरिए संचालित हो रही थी, तो इसे केवल चुनिंदा एयरपोर्ट पर ही डायवर्ट किया जा सकता था।

एयरपोर्ट जनसंपर्क अधिकारी अभिषेक गौड़ ने बताया कि आमतौर पर कुछ साल पहले ऐसे बड़े विमानों की लैंडिंग के लिए दिल्ली के बाद अहमदाबाद या मुंबई एयरपोर्ट का विकल्प दिया जाता था, लेकिन अब ऐसी फ्लाइट्स को दिल्ली के सबसे नजदीकी जयपुर एयरपोर्ट पर लैंड कराया जाता है। दरअसल पिछले कुछ सालों में जयपुर एयरपोर्ट पर तकनीक के लिहाज से कई महत्वपूर्ण अपग्रेडेशन किए गए हैं। फ्लाइट्स की दृश्यता के लिहाज से आरवीआर, इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम और पैरेलल टैक्सी ट्रैक जैसी सुविधाएं विकसित की जा चुकी हैं। पिछले साल से शुरू देश का पहला ऑटोमेटिक वैदर ऑर्ब्जविंग सिस्टम जयपुर एयरपोर्ट पे लहया गया जिसके जरिए रियल टाइम में मौसम की एक्युरेसी जानी जा सकती है। इसी के साथ जयपुर एयरपोर्ट पर दो एयर ऑपरेशन कमांड सेंटर संचालित होते है। ऐसे में खराब मौसम के दौरान भी हालात सुधरने पर तुरंत विमान की लैंडिंग कराया जाना संभव है।

यही कारण रहा कि 1 अप्रेल 2024 से 31 मार्च 2025 तक कुल 463 विमान जयपुर डायवर्ट हुए। इनमें सर्वाधिक 390 फ्लाइट कोड सी यानी एयरबस 320 या बोइंग 737 श्रेणी के थे, कोड डी में कुल 6 फ्लाइट और कोड ई में कुल 30 फ्लाइट तथा अन्य 37 चार्टर जयपुर डायवर्ट हुए । इस तरह वर्ष 2024-25 कुल 463 विमान जयपुर डायवर्ट हुए। वर्ष 2023-24 में कुल 347 विमान डाइवर्ट हुए थे । 2025-26 में 1 से 11 अप्रेल तक 20 फ्लाइट डायवर्ट होकर जयपुर पहुंची। इनमें 16 घरेलू और 4 अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट शामिल हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजेश

   

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