बारामुला में पंजाबी कविता एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन

बारामुला 26 अक्टूबर (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर पंजाबी साहित्य सभा बारामुला ने कला, संस्कृति एवं भाषा अकादमी के सक्रिय सहयोग से अदबी मरकज कामराज कनिसपोरा बारामुला में पंजाबी कविता एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त डीआईजी एस. कीरत सिंह थे जबकि डीजीपीसी बारामुल्ला के चेयरमैन ओमकार सिंह बाली, प्रोफेसर ग्वाचवन सिंह रैना, सुलिंदर सिंह सोढ़ी के अलावा बड़ी संख्या में प्रतिभागियों ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। उद्घाटन सत्र में उच्च गणमान्य व्यक्तियों और प्रतिभागियों के लिए स्वागत नोट प्रस्तुत किया गया और सेमिनार के आयोजन के महत्व पर भी विचार.विमर्श किया गया। यह देखा गया कि पंजाबी भाषा में एक अनूठी मिठास और प्रभाव है और इसलिए जम्मू और कश्मीर के हर क्षेत्र में पंजाबी भाषाए साहित्य और संस्कृति को और अधिक लोकप्रिय बनाने और बढ़ावा देने के लिए इस तरह के सेमिनार आयोजित करना महत्वपूर्ण है। सेमिनार को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि ने कहा कि युवा पीढ़ी के लिए पारंपरिक भाषाओं को पुनर्जीवित करने की आज पहले से कहीं अधिक आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भविष्य में हमारा उद्देश्य युवाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए और अधिक अवसर प्रदान करने के लिए और अधिक सेमिनार आयोजित करना है। कार्यक्रम के दौरान विभिन्न क्षेत्रों के कई लेखकों ने अपनी कविताएँ प्रस्तुत कीं जिन्हें दर्शकों ने खूब सराहा।

इस अवसर पर अन्य वक्ताओं और प्रतिभागियों ने भी क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर साहित्यिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन के लिए अकादमी के प्रयासों की सराहना की ताकि लेखन में रुचि रखने वाले युवाओं के कौशल को निखारा जा सके और पंजाबी भाषा को बढ़ावा दिया जा सके।

इस बीच एक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया जिसमें बडिंग ब्लूम स्कूल ख्वाजा बाग बारामुल्ला के छात्रों द्वारा पंजाबी लोक नृत्य प्रस्तुत किया गया। इसके बाद सम्मान समारोह के दौरान शहीद मान सिंह की याद में साहित्यिक पुरस्कार भी प्रदान किए गए।

हिन्दुस्थान समाचार / मोनिका रानी

   

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