जावेद राणा ने मार्खोर स्थान के पुनरुद्धार के लिए समुदाय आधारित संरक्षण प्रयासों पर जोर दिया

जम्मू, 30 अक्टूबर (हि.स.)। जल शक्ति, वन, पारिस्थितिकी और पर्यावरण तथा जनजातीय मामलों के मंत्री जावेद अहमद राणा ने वन्यजीव अधिकारियों से मार्खोर और उसके आवास पर गैर-पारंपरिक प्रवासी चरवाहों द्वारा मानव गतिविधियों और पशुधन चराने के प्रभाव का आकलन करने के लिए कहा।

मुगल रोड से यात्रा करते समय मंत्री ने शोपियां में हिरपोरा वन्यजीव अभयारण्य का दौरा किया और वन्यजीव संरक्षण के अधिकारियों को मार्खोर में रहने वाले नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण और सुरक्षा के लिए मृदा संरक्षण, वनीकरण और वन्यजीव अपराध के खिलाफ अन्य उचित उपायों के लिए आक्रामक रूप से सभी संभव उपाय करने का निर्देश दिया। उन्होंने अवैध शिकार और अवैध शिकार से निपटने के लिए वन्यजीवों की आबादी की नियमित निगरानी करने के अलावा 24 घंटे गश्त के निर्देश दिए।

मंत्री ने समुदाय-आधारित संरक्षण प्रयासों के माध्यम से मार्खोर पुनरुद्धार और उनके रहने वाले नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र के लिए वांछनीय परिणाम लाने के लिए प्रवासी समुदायों को शामिल करने में वन्यजीव अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा पारंपरिक प्रवासी चरवाहों का कोई उत्पीड़न नहीं होना चाहिए और उन्होंने वन्यजीव संरक्षण अधिकारियों को स्थानीय प्रवासी समुदायों को शामिल करने और उन्हें वन्यजीव संरक्षण के प्रति अधिक जागरूक और जिम्मेदार प्रबंधक बनने के लिए प्रोत्साहित करके जनपहंुच कार्यक्रमों के माध्यम से जागरूकता बढ़ाने का निर्देश दिया।

हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा

   

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