मकर संक्रांति पर छाया उल्लास : जमकर हुए दान पुण्य, अब होंगे धार्मिक आयोजन

जोधपुर, 14 जनवरी (हि.स.)। सूर्य उपासना और दान-पुण्य के साथ ही सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का पर्व मकर संक्रांति मंगलवार को श्रद्धापूर्वक मनाया गया। सूर्य ने आज सुबह मकर राशि में प्रवेश किया। संक्रान्ति के पुण्य काल पर स्नान, दान-पुण्य भी किए गए। सुबह से दान-पुण्य का क्रम शुरू हो गया जो दिनभर चला। इसके साथ ही एक माह का खरमास भी समाप्त हो गया। अब शादी सहित सभी मंगल कार्य शुरू हो गए है।

मकर संक्रांति के पावन पर्व पर आज सुबह से ही मंदिरों के बाहर और अन्य स्थानों पर दान पुण्य किया गया। लोगों ने पवित्र सरोवरों में स्नान भी किया। प्राचीन जलाशयों में भक्तों ने डुबकियां लगाई। घरों में तिल से बने व्यंजन, दाल के पकौड़े आदि बनाए गए। बहन-बेटियों के यहां तिल से बने व्यंजन व अन्य उपहार भेजे गए। वहीं सूर्यदेव के मकर राशि में प्रवेश करने के साथ ही मळमास समाप्त हो गया है।

अब होंगे शुभ कार्य आरंभ :

मळमास समाप्त होने पर एक माह से रूके हुए गृह प्रवेश, मुंडन संस्कार, यज्ञोपवीत, विवाह आदि शुभ कार्य के लिए भी मार्ग प्रशस्त हो गया है। इस वर्ष जनवरी से दिसंबर तक कुल कुल 52 दिन शादियों के सावे (मुहूर्त) रहेंगे। इन दिनों में शादी-ब्याह के साथ ही अन्य मांगलिक कार्यक्रम भी होंगे। पूरे साल में छह माह ऐसे भी रहेंगे, जब अबूझ मुहूर्त के अलावा सावे नहीं होंगे। फरवरी में दो तारीख को बसंत पंचमी, मार्च में एक को फुलेरा दोज, अप्रेल में छह को रामनवमी, 30 को अक्षयतृतीया का अबूझ सावा रहेगा। पांच मई को जानकी नवमी, 12 मई को पीपल पूर्णिमा, जून में पांच को गंगादशमी और छह को निर्जला एकादशी, जुलाई में चार को भड़ल्या नवमी व छह जुलाई को देवशयनी एकादशी का अबूझ मुहूर्त है।

रातानाडा कृष्ण मंदिर में किया पतंगों का शृंगार

रातानाडा स्थित कृष्ण मंदिर में मकर संक्रांति पर पतंगों का विशेष शृंगार किया गया। इस झांकी की श्रद्धालुओं ने दर्शन कर उनके साथ सेल्फी भी ली। पुजारी हरि भाई गोस्वामी ने बताया कि मकर संक्रांति पर पतंगों का विशेष महत्व है। इसी को ध्यान में रखते हुए संक्रांति पर मंदिर को रंग बिरंगी पतंगों से सजाया गया। यहां सुबह से भक्तों का आना-जाना लगा रहा। यहां भगवान को प्रसाद के रूप में तिल से बनी सामग्री का भोग लगाया गया तथा बाहर गरीबों को दान पुण्य किया।

आर्य समाज ने किया यज्ञ का आयोजन :

शास्त्री नगर स्थित आर्य समाज मंदिर में मकर संक्रांति के अवसर पर यज्ञ किया गया। शास्त्री नगर आर्य समाज के प्रधान जुगराज बालोत ने बताया कि मंगलवार को मकर संक्रांति पर यज्ञ व वैदिक सत्संग का आयोजन किया गया। यज्ञ के ब्रह्मा रामदयाल आर्य और यजमान मीना टाक व सुधांशु टाक रहे। इस दौरान अग्निहोत्र में समिधा दान करके विश्व कल्याण की कामना की गई। मंत्रों के माध्यम से बताया गया कि शुद्ध आहार से सात्विक शुद्धि होती है। आर्य विद्वान रामदयाल ने मकर संक्रांति का महत्व समझाते हुए बताया कि यह एक भौगोलिक घटना पर आधारित पर्व है, जिसका संबंध हमारी पृथ्वी से जुड़ा है। हमारी पृथ्वी सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करती है। जिस दिन हमारी पृथ्वी घूर्णन और परिक्रमण करते हुए एक राशि की यात्रा पूरी कर दूसरी राशि में प्रवेश करती है, उसे संक्रांति कहते हैं। प्राकृतिक चिकित्सक हनुमान राम ने बताया कि सूर्य के उतरायण में प्रवेश का विशेष महत्व है। ऋतु परिवर्तन जीवनचर्या में परिवर्तन के महत्व को बताता है। भोजन में तिल की मात्रा को बढ़ाना है। इस मौके पर सुनीता प्रजापति, हनुमान राम, प्रियांशु आदि रोहित,दीक्षा, ढगला देवी आदि मौजूद थे। समारोह के अंत में मंत्री सुधांशु ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

बेटी एक मुस्कान ने कपड़ों का किया वितरण :

बेटी एक मुस्कान नई सोच संस्थान की अध्यक्ष स्नेहा भंडारी व उनकी टीम ने जरूरतमंद बच्चों के साथ मकर संक्रांति पर्व मनाया। झुग्गी झोपडिय़ों में रह रहे जरूरतमंद बच्चों, महिलाओं व दिव्यांग बच्चों के लिए सौ कम्बल,ऊनी वस्त्र, स्वेटर, शॉल, मोझे, गर्म टोपी, बिछाने वाली दरिया, मंदिर के आसन, स्टॉल, बिस्किट्स, तिल के लड्डू, गजक, तिल पपड़ी, अमरूद, चॉकलेट्स आदि वितरित किए। संस्थान के सदस्यों में अभिलेश वढेरा, योगिता टाक, अमित पेड़ीवाल, मनीष लांबा, चंचल दवे, अंशु दवे, चंद्रशेखर प्रजापत, सुनील पुरोहित मौजूद थे।

हिन्दुस्थान समाचार / सतीश

   

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