जूना अखाड़े ने थानापति राजेंद्र गिरी को किया निलंबित

हरिद्वार, 14 सितंबर (हि.स.)। उत्तराखंड की अल्मोड़ा जेल में संगठित अपराध, हत्या व रंगदारी वसूली आदि गंभीर मामलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कुख्यात माफिया प्रकाश पांडेय को जेल में दीक्षा देने वाले जूना अखाड़ा के थानापति राजेंद्र गिरि को श्री पंच दशनाम् जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरि गिरी महाराज ने पद से निलंबित कर दिया है। हरिगिरि ने कहा कि जांच में उन पर लगे आरोप सत्य पाए जाने पर उन्हें अखाड़े से बर्खास्त कर दिया जाएगा।

श्री पंच दशनाम् जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि थानापति राजेंद्र गिरि ने न तो जूना अखाड़ा प्रबंधन और न ही अपने वरिष्ठ संतों को न ही कोई जानकारी दी और ना ही अनुमति ली थी। उन्होंने बताया कि राजेंद्र गिरि को अखाड़े की ओर की जा रही मामले की जांच पूरी होने तक तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। जांच के रिपोर्ट आने के बाद राजेंद्र गिरि और उनके साथियों पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। आरोपों की पुष्टि होने पर उन्हें जीवनपर्यंत के लिए अखाड़े से बाहर कर दिया जाएगा। आपको बताते चलें कि आरोप है कि पीपी ने साधु बन प्रयागराज कुंभ के बहाने जेल से बाहर आने की योजना के तहत अल्मोड़ा जेल में दीक्षा ली थी। इस काम में उसका सहयोग श्री पंचदशनाम् जूना अखाड़ा के थानापति राजेंद्र गिरि और उनके 11 साथियों ने किया था। इन्हीं 11 में से तीन ने जेल के भीतर जाकर पीपी को दीक्षा दी थी, जिसके बाद राजेंद्र गिरि ने पीपी को अंसेश्वर मठ, मुनस्यारी माता का मठ, गंगोलीहाट में लमकेश्वर, यमुनोत्री में भैरव और भद्रकाली मंदिर का उत्तराधिकारी यानी मठाधीश भी घोषित कर दिया था। उन्होंने अल्मोड़ा जेल के बाहर पत्रकारवार्ता आयोजित कर इसकी घोषणा भी की थी।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

   

सम्बंधित खबर