आरजी कर अस्पताल की पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए जूनियर डॉक्टरों का सामूहिक अधिवेशन

कोलकाता, 26 अक्टूबर (हि.स.) । पश्चिम बंगाल के जूनियर डॉक्टरों ने शनिवार को आरजी कर अस्पताल की पीड़िता को न्याय दिलाने और राज्य सरकार से अपनी मांगें पूरी करवाने के लिए एक सामूहिक अधिवेशन का आयोजन किया। यह अधिवेशन राज्य संचालित विभिन्न चिकित्सा संस्थानों के डॉक्टरों और नागरिक समाज के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में आयोजित किया गया जिसमें चार घंटे तक रणनीतियों पर विचार-विमर्श हुआ।

अनिकेत महतो, जो इस आंदोलन में सक्रिय जूनियर डॉक्टर हैं, ने कहा कि हमने अपनी बहन के लिए न्याय की मांग को लेकर इस सामूहिक अधिवेशन का आह्वान किया है, जिसका नौ अगस्त को आरजी कर अस्पताल में बलात्कार और हत्या कर दी गई थी।

डॉक्टर देबाशीष हलदर ने अधिवेशन में कहा, कुछ डॉक्टरों द्वारा शुरू किया गया यह आंदोलन अब एक विशाल रूप ले चुका है। हमें इस बात का भी पता नहीं था कि यह आंदोलन इतना लंबा चलेगा और हमें इतने लोगों का समर्थन मिलेगा। हम अस्पताल के सेमिनार हॉल में हुई घटना का सच जानना चाहते हैं, जहां पीड़िता का शव मिला था।

21 अक्टूबर को, जूनियर डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बैठक के बाद अपना अनशन समाप्त किया था। मुख्यमंत्री ने उनकी मांगों पर गौर करने का आश्वासन दिया था। हालांकि, डॉक्टरों ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार घटना के कारणों को दबाने की कोशिश कर रही है और दोषियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है।

किन्जल नंदा, एक अन्य जूनियर डॉक्टर ने कहा, हम सच जानना चाहते हैं और इसी वजह से हमने न्यायिक जांच की मांग की थी। इसके अलावा हम चाहते हैं कि इस प्रणाली को शुद्ध किया जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।

इस बीच, एक अन्य समूह के डॉक्टरों ने, जिनकी निलंबन के खिलाफ कलकत्ता उच्च न्यायालय से रोक प्राप्त हुई थी, शनिवार को पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन का गठन किया।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

   

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