राशन घोटाला : अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद अदालत में पेश हुए ज्योतिप्रिय मल्लिक

कोलकाता, 20 नवंबर (हि.स.)। राशन घोटाला मामले में गिरफ्तार पश्चिम बंगाल के पूर्व खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश किया गया। हाल ही में उनकी श्वसन संबंधी समस्याओं के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

जेल अधिकारियों ने बुधवार को अदालत को जानकारी दी कि ज्योतिप्रिय मल्लिक अब पूरी तरह स्वस्थ हैं और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। फिलहाल, वे प्रेसिडेंसी जेल में वापस लौट चुके हैं। अदालत में उनकी पेशी वर्चुअल माध्यम से कराई गई।

गत गुरुवार को हुए सुनवाई के दौरान जेल अधिकारियों ने अदालत को बताया था कि मल्लिक अस्पताल में भर्ती हैं। इस पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नाराजगी व्यक्त की थी। ईडी का आरोप था कि उन्हें पूर्व मंत्री की स्वास्थ्य स्थिति और अस्पताल में भर्ती होने की जानकारी नहीं दी गई, जबकि गिरफ्तारी ईडी ने की थी। ईडी ने इसे सौजन्यता की कमी करार दिया और कहा कि उन्हें यह जानकारी दी जानी चाहिए थी।

ज्योतिप्रिय मल्लिक को अक्टूबर 2023 में राशन घोटाले के आरोप में ईडी ने गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद से ही उनकी तबीयत खराब रहने की खबरें आती रही हैं। उन्हें कई बार विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं, जैसे रक्तचाप की गड़बड़ी और सीने में दर्द के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनकी गिरफ्तारी के तुरंत बाद भी अदालत में उनकी तबीयत बिगड़ गई थी, जिसके बाद उन्हें एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

ईडी के अनुसार, मल्लिक ने एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान अपनी बेटी को एक चिट्ठी देने की कोशिश की थी। यह चिट्ठी बाद में केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवानों के माध्यम से ईडी अधिकारियों तक पहुंचाई गई। दावा किया गया कि चिट्ठी में राशन घोटाले से जुड़े वित्तीय लेनदेन की जानकारी थी। इसे लेकर काफी विवाद हुआ था, और चिट्ठी की हैंडराइटिंग की जांच भी कराई गई थी।

अपने स्वास्थ्य का हवाला देकर मल्लिक के वकीलों ने कई बार जमानत की याचिका दाखिल की, लेकिन अदालत ने इसे खारिज कर दिया। इस बीच, मल्लिक ने कई मौकों पर सार्वजनिक रूप से अपनी खराब स्वास्थ्य स्थिति का उल्लेख किया।

अब देखना यह है कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है और अदालत में मल्लिक के स्वास्थ्य और आरोपों पर क्या निर्णय लिया जाता है।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

   

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