नदिया में बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए फर्जी पहचान पत्र बनाने वाला गिरोह सक्रिय, पुलिस की जांच जारी

कोलकाता, 02 दिसंबर (हि.स.)। पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा के पास सक्रिय एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश करने के लिए कोलकाता और पश्चिम बंगाल पुलिस के अधिकारी जुटे हुए हैं। यह रैकेट बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए फर्जी भारतीय पहचान पत्र तैयार कर रहा है।

पिछले सप्ताह पुलिस ने पांच बांग्लादेशी घुसपैठियों को गिरफ्तार किया। इनमें से एक को कोलकाता से और चार को नदिया जिले से पकड़ा गया। इन सभी के फर्जी भारतीय पहचान पत्र नदिया जिले में बने थे। कोलकाता में पकड़े गए आरोपित, सलिम मातबर उर्फ साफीक सरदार ने फर्जी नाम 'रवि शर्मा' से भारतीय पासपोर्ट तक बनवा लिया था।

सलिम ने इस फर्जी पहचान का इस्तेमाल कोलकाता के पार्क स्ट्रीट स्थित एक होटल में नौकरी पाने के लिए किया। पुलिस ने 30 नवंबर को उसे उसी होटल से गिरफ्तार किया। पुलिस को उसके बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) से जुड़े होने की जानकारी भी मिली है।

इसी दिन, नदिया जिले के कृष्णगंज थाना क्षेत्र के मज़दिया से चार अन्य घुसपैठियों - सुमी अख्तर, इमान बिस्वास, शंकर बिस्वास और रुपकुमार बिस्वास को गिरफ्तार किया गया।

नदिया में फर्जी पहचान पत्र बनाने वाले एजेंटों के पिछले मामलों की जांच के लिए पुलिस ने पुराने रिकॉर्ड खंगालने शुरू कर दिए हैं। गिरफ्तार घुसपैठियों के पास से मिले दस्तावेज़ों की गहन जांच की जा रही है।

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पुलिस की सतर्कता बढ़ी

बांग्लादेश से जुड़े इस मामले में पुलिस ने अपनी सतर्कता बढ़ा दी है। इस रैकेट के सरगनाओं को पकड़ने के लिए अधिकारियों की एक विशेष टीम गठित की गई है। इस घटना ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था की गंभीरता को फिर से उजागर कर दिया है।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

   

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