
-मेहनत, समर्पण और सपनों से सजी एक प्रेरणादायक उड़ान
-गांव की मिट्टी से उठी, देश के मंच पर चमकी: ज्योति राठी
ने कबड्डी में जीता गोल्ड मेडल
सोनीपत, 11 मई (हि.स.)। बिहार में चार से आठ मई तक आयोजित खेलो इंडिया यूथ गेम्स में
सोनीपत जिले के पुरखास गांव की बेटी ज्योति राठी ने अंडर-19 स्टेट लेवल कबड्डी प्रतियोगिता
में स्वर्ण पदक जीतकर न केवल अपने गांव बल्कि पूरे हरियाणा का नाम रोशन किया। रविवार
को खेल प्रेमियों ने गन्नौर में शानदार स्वागत किया।
जीटी रोड गन्नौर पहुंचने ज्योति खेल प्रेमियों ने ढोल-नगाड़ों
और फूलों की वर्षा से उसका भव्य स्वागत किया। गर्व से झूमते उसके पिता ब्रह्मानंद,
एक टैक्सी चालक, और मां सुनीता, एक गृहिणी, ने कहा बेटी ने वह कर दिखाया है जो कभी
सिर्फ बेटों से उम्मीद की जाती थी। आज बेटा-बेटी में कोई फर्क नहीं है। कोच इंद्र पहल
ने बताया कि ज्योति की सफलता उसकी नियमित मेहनत, समर्पण और अनुशासन का परिणाम है। उन्होंने
कहा यह सिर्फ एक गोल्ड मेडल नहीं, बल्कि सैकड़ों युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का
स्रोत है। ज्योति आज एक रोल मॉडल बन गई है।
स्वर्ण पदक विजेता ज्योति राठी ने भी भावुक
होते हुए कहा कि मैं एक किसान परिवार से हूं, लेकिन मेरे माता-पिता ने कभी मुझे खेलने
से रोका नहीं। उनका साथ और कोच का आशीर्वाद ही मेरी ताकत है। अब मेरा सपना है कि मैं
देश के लिए इंटरनेशनल लेवल पर मेडल जीतूं। गांव पुरखास राठी के सरपंच प्रतिनिधि सुनील
जांगड़ा सहित कई गणमान्य लोगों कृष्ण चंद्र मलिक, दीपक मलिक, नवीन मालिक, राकेश मलिक
और नरेश पुरखास ने भी ज्योति का सम्मान किया और भविष्य की सफलता की शुभकामनाएं दीं।
यह जीत सिर्फ एक खिलाड़ी की नहीं, पूरे समाज में बेटियों के लिए एक नई सोच का प्रतीक
है। ज्योति की कहानी हमें बताती है कि सपने सीमाओं से नहीं, साहस
से पूरे होते हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / नरेंद्र शर्मा परवाना