225 करोड़ की लागत से बनने वाले अत्याधुनिक मिल्क प्लांट की आधारशिला रखेंगे मुख्यमंत्री
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- Jan 22, 2025
धर्मशाला, 22 जनवरी (हि.स.)।मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू अपने कांगड़ा प्रवास के बीच कल वीरवार को धर्मशाला के ढगवार में 225 करोड़ रूपये की लागत से बनने वाले अत्याधुनिक मिल्क प्लांट की आधारशिला रखकर निर्माण कार्य का शुभारंभ करवाएंगे। इसके बाद मुख्यमंत्री दोपहर 12 बजे मेला ग्राउंड दाड़ी में जनसभा को भी संबोधित करेंगे। हिमाचल प्देश सरकार ढगवार में 1.5 लाख लीटर प्रतिदिन (एलएलपीडी) की प्रारंभिक क्षमता वाला एक स्वचालित दूध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित कर रही है, जिसे 3 लाख लीटर प्रतिदिन (एलएलपीडी) तक बढ़ाया जा सकता है। उपायुक्त कांगड़ा हेमराज बैरवा ने बताया कि ढगवार में बनने जा रहे मिल्क प्लांट से दूध उत्पादकों और पशु पालकों के दिन बहुरेंगे।
सहकारी समितियां की जा रही गठित
इस संयंत्र के लिए दूध की खरीद प्रमुखतः चार जिलों कांगड़ा, ऊना, चंबा और हमीरपुर पर केंद्रित होगी, जिससे लगभग आधा हिमाचल प्रत्यक्ष रूप से लाभांवित होगा। दूध के संग्रहण के लिए जिला कांगड़ा सहित अन्य जिलों में भी सहकारी समितियों के गठन पर जोर दिया जा रहा है। इस पहल से आजीविका के नए अवसर पैदा होने के साथ डेयरी फार्मिंग की लाभप्रदता में सुधार होगा और क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान मिलेगा। इस प्लांट के बनने से स्थानीय डेयरी किसानों के बीच व्यापक भागीदारी और समावेशिता सुनिश्चित होगी।
यह उत्पाद होंगे निर्मित
अत्याधुनिक सुविधा वाले इस मिल्क प्लांट में दूध, टोंड दूध, डबल टोंड दूध, फ्लेवर्ड दूध, दही, पनीर, लस्सी, खोआ और मोजेरेला चीज सहित मूल्यवर्धित डेयरी उत्पादों का उत्पादन करेगी। ढगवार स्थित दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र के स्तरोन्नयन से इन क्षेत्रों में दूध की खरीद, प्रसंस्करण और विपणन प्रणाली सुदृढ़ होगी।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था होगी मजबूत
उधर उपायुक्त कांगड़ा हेमराज बैरवा कहते हैं कि दूध उत्पादन के व्यवसाय को लाभप्रद बनाने के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा ‘हिम गंगा’ योजना की घोषणा की गई है, जिसका उद्देश्य राज्य में दूध आधारित अर्थव्यवस्था विकसित करना है। उन्होंने बताया कि इस संयंत्र का उद्देश्य हिमाचल प्रदेश के पशुपालकों को उनके दूध के लिए एक विश्वसनीय बाजार प्रदान करके सीधे लाभ पहुंचाना है। उच्च गुणवत्ता वाले डेयरी उत्पादों के उत्पादन के माध्यम से दूध के मूल्य को बढ़ाकर, यह संयंत्र पशुपालकों की आय को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगा, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
हिन्दुस्थान समाचार / सतिंदर धलारिया