‘गुड स्मार्टियन’ बन बचाई लोगों की जान, प्रशासन ने किया सम्मान
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- Mar 26, 2025

धर्मशाला, 26 मार्च (हि.स.)।
सड़क दुर्घटना में घालय लोगों की सही समय में मदद कर उन्हें अस्पताल पहुंचाने वाले जिला कांगड़ा के पांच लोगों को ‘गुड स्मार्टियन योजना’ के तहत बुधवार को जिला प्रशासन व परिवहन विभाग द्वारा सम्मानित किया गया। डीआरडीए सभागार में आयोजित कार्यक्रम में अतिरिक्त उपायुक्त विनय कुमार, एएसपी हितेश लखनपाल व आरटीओ प्रदीप कुमार ने घुग्घर के सुरेश वर्मा, समलोटी के प्रवेश शर्मा, नगरोटा बगवां के मंजीत कुमार तथा धमेटा के सुभाष चंद और सरदार निक्का सिंह को ‘गुड स्मार्टियन’ होने के नाते उनको प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिन्ह भेंट कर उन्हें सम्मानित किया। इसके अलावा योजना के तहत पांच हजार रुपए का नकद पुरस्कार प्रत्येक गुड स्मार्टियन के बैंक खाते में परिवहन विभाग द्वारा डाला गया।
बता दें, सड़क दुर्घटनाओं में घायलों की सहायता के लिए लोगों को प्रेरित करने के उद्देश्य से ‘गुड स्मार्टियंस’ नामक योजना आरंभ की गई है। इसमें सड़क दुर्घटना में पीड़ित को हादसे के तुरंत बाद शुरुआती एक घंटे के भीतर (गोल्डन आवर) में अस्पताल पहुंचा कर उसकी जान बचाने का प्रयास करने वाले लोगों को प्रशस्ति पत्र तथा 5 हजार रुपये का नकद पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया जाता है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की इस योजना का मकसद लोगों को सड़क हादसों में घायलों की मदद करने के लिए प्रेरित करना और दुर्घटना में मृत्यु के मामलों में कमी लाना है।
डीआरडीए सभागार में जिला स्तरीय रोड सेफ्टी कमेटी तथा गुड स्मार्टियन योजना की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए अतिरिक्त उपायुक्त विनय कुमार ने कहा कि सड़क सुरक्षा बेहद महत्वपूर्ण मुद्दा है। यह केवल किसी विभाग या संस्था की नहीं अपितु सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में अंकुश लगाने और घालयों को मदद मुहैया करवाने के लिए सबको आगे आने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को बिना किसी संकोच के तुरंत नजदीकी अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र में लेकर जाना चाहिए, ऐसा करने पर किसी प्रकार की कानूनी कार्रवाई मदद करने वाले व्यक्ति पर नहीं होगी और अस्पताल को भी प्राथमिकता पर घायल का उपचार करना होगा।
बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हितेश लखनपाल ने कहा कि परिवहन विभाग के आंकड़े के अनुसार 90 प्रतिशत से अधिक सड़क दुर्घटनाओं का कारण मानवीय चूक है। इसलिए सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सबसे अधिक जिम्मेदारी वाहन चला रहे व्यक्तियों की ही है। हमें नियमों का पालन कर पूरी सूझ-भूझ से सड़क पर चलना या वाहन चलाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिले में विभिन्न जगहों पर इंटेलिजेंस ट्रेफिक मैनेजमेंट सिस्टम विकसित करने पर विशेष फोकस किया जा रहा है ताकि सड़क से गुजरने वाले वाहनों की पूरी निगरानी की जा सके और अवेहलना करने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई अमल में लाई जा सके।
बैठक का संचालन करते हुए क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी प्रदीप कुमार ने बताया कि सड़क दुर्घटना के दौरान मारने वाली गाड़ी का पता न चलने की स्थिति में विभाग आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाता है। उन्होंने बताया कि ऐसी स्थिति में सड़क दुर्घटना से किसी की मृत्यु होने पर 2 लाख और घायल के उपचार के लिए 50 हजार रुपये का क्लेम विभाग द्वारा दिया जाता है।
हिन्दुस्थान समाचार / सतिंदर धलारिया