आपदा प्रबंधन और सार्वजनिक सुरक्षा के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता : प्रो. बंसल

धर्मशाला, 24 अप्रैल (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय श्रेष्ठ प्रथाओं को अपनाकर, केंद्रीय विश्वविद्यालय आपदा जोखिम न्यूनीकरण शिक्षा और अनुसंधान में क्षेत्रीय अग्रणी संस्थान के रूप में अपनी पहचान स्थापित करने की दिशा में अग्रसर है। इससे भारत में सतत विकास और आपदा लचीलापन निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा सकेगा। उन्होंने आपदा प्रबंधन और सार्वजनिक सुरक्षा के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया।

कुलपति प्रो. बंसल ताइवान के हुआलिएन में डिजास्टर प्रिवेंशन एजुकेशन सेंटर में आयोजित विशेष कार्यक्रम के दौरान बोल रहे थे। आपदा प्रबंधन और आपातकालीन प्रतिक्रिया में सहयोग को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से हुआलिएन डिजास्टर प्रिवेंशन एजुकेशन सेंटर में आयोजित उक्त विशेष कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस.पी. बंसल विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस दौरान हुआलिएन काउंटी सरकार के मेयर और अग्निशमन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

कुलपति के साथ प्रो. दीपक पंत, डीन, स्कूल ऑफ अर्थ एंड एनवायरनमेंटल साइंस तथा विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. सुमन शर्मा भी कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। यह कार्यक्रम मुख्य रूप से सैन्य संघर्ष ड्रिल और बाहरी आपातकालीन अभ्यास पर केंद्रित रहा। इस दौरान, आपातकालीन स्थितियों में तेज़ समन्वय स्थापित करने की प्रक्रिया के तहत आपातकालीन संचालन केंद्र के उद्घाटन की कार्यप्रणाली का प्रदर्शन किया गया।

प्रो. बंसल ने हुआलिएन काउंटी के अग्रणी प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यहां के उन्नत सिमुलेशन तकनीक और सामुदायिक भागीदारी वैश्विक आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के अनुभवों से सीयूएचपी को आपदा प्रबंधन, पर्यावरण विज्ञान और साइबर सुरक्षा के क्षेत्रों में अपनी अकादमिक और अनुसंधान क्षमताओं को मजबूत करने में मदद मिलेगी। यह सहयोग संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं, छात्र और संकाय विनिमय कार्यक्रमों तथा विशेष प्रशिक्षण मॉड्यूल के नए अवसर खोलेगा, जो हिमाचल प्रदेश जैसे प्राकृतिक आपदाओं के प्रति संवेदनशील क्षेत्र की आवश्यकताओं के अनुरूप होंगे।

वहीं हुआलिएन काउंटी के मेयर ने भी भारतीय विश्वविद्यालयों के साथ अकादमिक सहयोग की संभावनाओं की सराहना की और भविष्य में आपदा प्रबंधन, सार्वजनिक सुरक्षा और आपातकालीन शिक्षा के क्षेत्र में विनिमय कार्यक्रमों की आशा व्यक्त की। कुलसचिव प्रो. सुमन शर्मा ने आपदा प्रबंधन में प्रशासनिक सहयोग और शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका पर प्रकाश डाला। यह यात्रा भारत और ताइवान के बीच आपातकालीन प्रबंधन, साइबर सुरक्षा और आपदा शिक्षा के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई।

हिन्दुस्थान समाचार / सतिंदर धलारिया

   

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